Shiv Mandir Samlur
joharcg.com Shiv Mandir Samlur समलुर जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित है, यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है और नियमित रूप से भक्तों द्वारा पूजा की जाती है।
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
रायपुर और विशाखापट्टनम निकटतम प्रमुख हवाई अड्डे हैं, ये दोनों जगह जिले मुख्यालय दंतेवाड़ा से सड़क मार्ग दुरी करीब 400 किलोमीटर हैं। जगदलपुर निकटतम मिनी हवाई अड्डा है जिसमें रायपुर और विशाखापट्टनम दोनों के साथ उड़ान कनेक्टिविटी है।
ट्रेन द्वारा
विशाखापट्टनम जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से ट्रेन से जुड़ा हुआ है। विशाखापट्टनम और दंतेवाड़ा के बीच दो दैनिक ट्रेनें उपलब्ध हैं
सड़क के द्वारा
रायपुर और दंतेवाड़ा के बीच नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं, दंतेवाड़ा नियमित बस सेवाओं के माध्यम से हैदराबाद और विशाखापट्टनम से भी जुड़ा हुआ है।
मंदिर का इतिहास
(Shiv Mandir Samlur) समलूर शिव मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था, जब सुमेश्वर देव का शासन था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे स्थानीय रूप से करली महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की एक दिलचस्प मान्यता है कि इसका निर्माण पास के तालाब की मिट्टी से रातों-रात किया गया था, जो दिन में पत्थर में बदल गया। इसे भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया माना जाता है, जो वास्तुकला के देवता हैं[1][2].
वास्तुकला और विशेषताएँ
(Shiv Mandir Samlur) मंदिर की वास्तुकला बस्तर क्षेत्र के अन्य प्राचीन मंदिरों के समान है। यहाँ की कलात्मक प्रतिमाएँ और नक्काशी इसे एक अद्वितीय रूप देती हैं। मंदिर के चारों ओर सुंदर मूर्तियाँ और शिल्पकला देखने को मिलती हैं, जो इसकी ऐतिहासिकता को दर्शाती हैं।
धार्मिक गतिविधियाँ
समलूर शिव मंदिर में हर साल महाशिवरात्रि और माघी पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इन अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं और मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के महीने में हर सोमवार को भी यहाँ भक्तों की भीड़ लगी रहती है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए आते हैं[1][2].
यात्रा की जानकारी
समलूर शिव मंदिर दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 9 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए गीदम और जगदलपुर से आसानी से पहुंचा जा सकता है। स्थानीय परिवहन सेवाएँ उपलब्ध हैं, और पर्यटक अपनी गाड़ी से भी यहाँ आ सकते हैं।
निष्कर्ष
समलूर शिव मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं, बल्कि इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता और वास्तुकला का भी आनंद लेते हैं। यदि आप धार्मिक पर्यटन के शौकीन हैं, तो समलूर शिव मंदिर आपकी यात्रा की सूची में अवश्य होना चाहिए।