Karali Mahadev samlur

करली महादेव मंदिर, दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक के समलूर में स्थित है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का है। केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया है।

इतिहास-

क्षेत्र के पुरातत्व के जानकार युवा ओम सोनी के मुताबिक छिंदक नागवंशी शासक सोमेश्वर देव का शासन काल (1069 से 1109) के दौरान इस मंदिर का निर्माण उनकी पत्नी महारानी सोमल महादेवी ने कराया था।

उत्कल शैली में निर्मित इस मंदिर की बनावट बारसूर के मामा-भांजा मंदिर और नारायणपाल के विष्णु मंदिर से मिलती-जुलती है।
नारायणपाल और मामा-भांजा मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर में भी गर्भगृह व अर्धमंडप है। इस मंदिर के शिवलिंग की खास बात यह है कि इसका शिवलिंग पश्चिम मुखी है, जबकि बस्तर में ज्यादातर शिवलिंग पूर्वाभिमुख है।

Karali Mahadev samlur

करली महादेव, समलूर, दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो अपनी ऐतिहासिकता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ की भव्यता और शांति भक्तों को आकर्षित करती है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

करली महादेव मंदिर का निर्माण प्राचीन समय में हुआ था, और यह स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपने अद्वितीय वास्तुकला और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के शिवलिंग की ऊँचाई लगभग 2-3 फीट है और यह गर्भगृह में स्थित है, जहाँ भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।

धार्मिक महत्व

यहाँ आने वाले भक्तों का मानना है कि करली महादेव की कृपा से उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। विशेषकर महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। भक्त यहाँ आकर न केवल पूजा करते हैं, बल्कि ध्यान और साधना का भी अनुभव करते हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य

करली महादेव मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से भी घिरा हुआ है। मंदिर के चारों ओर हरियाली और पहाड़ी क्षेत्र का दृश्य इसे और भी आकर्षक बनाता है। यहाँ का शांत वातावरण भक्तों को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। बारिश के मौसम में यह स्थान और भी खूबसूरत हो जाता है, जब आसपास के जलप्रपात और हरियाली इसे एक अद्वितीय रूप देते हैं।

स्थानीय संस्कृति

करली महादेव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। यहाँ के लोग अपनी धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं। मंदिर के आस-पास विभिन्न मेले और उत्सव भी आयोजित होते हैं, जहाँ लोग एकत्रित होते हैं और अपनी परंपराओं का पालन करते हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार, करली महादेव, समलूर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ आते हैं। यहाँ की भव्यता, शांत वातावरण और धार्मिक अनुभव इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं। यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।