joharcg.com राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि सिर्फ़ निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसके साथ ही सांस्कृतिक विकास भी आवश्यक है। मंत्री जी ने ज़ोर देते हुए कहा कि किसी भी समाज या देश की प्रगति केवल भौतिक विकास से नहीं होती, बल्कि उसकी सांस्कृतिक जड़ों को भी मजबूत करना उतना ही ज़रूरी है।
मंत्री वर्मा ने विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान यह बात कही कि देश और राज्य की तरक्की में बुनियादी ढांचे का निर्माण अहम भूमिका निभाता है, लेकिन इसे संतुलित बनाए रखने के लिए सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों का संरक्षण भी आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हमारे समाज की सांस्कृतिक विरासत हमारे इतिहास और पहचान का अभिन्न हिस्सा है। इसे संरक्षित रखना और अगली पीढ़ी को इस धरोहर से जोड़ना बेहद महत्वपूर्ण है।”
श्री वर्मा ने सुझाव दिया कि सरकार की विकास योजनाओं में सांस्कृतिक प्रगति को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्कृति, कला, संगीत और लोक परंपराओं का विकास और उन्हें बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, कला और संस्कृति के लिए विशेष फंड की व्यवस्था और युवाओं को इस दिशा में प्रेरित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, “सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब समय है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाएं। इससे न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान सुदृढ़ होगी, बल्कि लोगों के जीवन में संतुलन और समृद्धि आएगी।”
मंत्री वर्मा ने यह भी कहा कि एक सशक्त और समृद्ध समाज की नींव तभी मजबूत होती है जब उसमें सांस्कृतिक और भौतिक विकास का समन्वय हो। उन्होंने बताया कि कई बार बड़े निर्माण कार्यों में सांस्कृतिक विकास पीछे छूट जाता है, लेकिन हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि संस्कृति हमारी पहचान और विरासत है। उन्होंने विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विकास परियोजनाओं का उदाहरण भी दिया।
मंत्री जी के इस विचार को स्थानीय कलाकारों और समाजसेवियों ने भी समर्थन दिया है। कई स्थानीय कलाकारों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सांस्कृतिक विकास से न केवल क्षेत्रीय कला और परंपराओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
मंत्री वर्मा ने बताया कि सरकार आने वाले समय में सांस्कृतिक विकास के लिए अलग से बजट आवंटित करने पर विचार कर रही है, ताकि कला, संगीत और परंपराओं को सशक्त किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि हर ज़िले में सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जहां स्थानीय कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।
इस प्रकार, राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने अपने बयान के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि समाज और देश की समग्र प्रगति के लिए निर्माण कार्यों के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास भी ज़रूरी है। इससे न केवल समाज में संतुलन और समृद्धि आएगी, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजा जा सकेगा।