joharcg.com छत्तीसगढ़ के कलेक्टर ने जल संकट की गंभीरता को देखते हुए जल संरक्षण और संवर्धन के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के उद्देश्य से अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में कलेक्टर ने जल स्रोतों के संरक्षण के साथ-साथ जल पुनर्चक्रण और बारिश के पानी के संचयन के उपायों पर विचार विमर्श किया।
कलेक्टर ने कहा कि राज्य में बढ़ती जल संकट की स्थिति को देखते हुए जल संरक्षण की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे जल संरक्षण के क्षेत्र में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की योजना बनाएं और समुदायों को जागरूक करने के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित करें।
बैठक में जल संग्रहण के नए तरीकों, जल पुनः उपयोग की तकनीकों और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही, जल की बर्बादी को रोकने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगर निगम स्तर पर पहल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
कलेक्टर ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा, और यह सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक जल संरक्षण के महत्व को समझे और उसे अपनी आदतों में शामिल करे।
जल संरक्षण की यह कार्ययोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों को संरक्षित रखने का भी एक प्रयास है।
राजनांदगांव 03 जनवरी 2025। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिले के जल स्त्रोत विहीन ग्रामों में जल संरक्षण एवं संवर्धन की कार्ययोजना तैयार करने के लिए आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए अभी से कार्ययोजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है। जिससे आने वाले ग्रीष्म ऋतु में पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने भूमिगत जल को सिर्फ पेयजल के लिए उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि जिले के 24 जल स्त्रोत विहीन एवं संभावित जल समस्या वाले ग्रामों का चिन्हांकन कर लिया गया हैं। जहां जल समस्या को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूत है। इसके लिए चिन्हांकित ग्रामों में जल समस्या समाधान शिविर, जल संगोष्ठी, फसल चक्र परिवर्तन एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। वन विभाग को चिन्हांकित ग्रामों में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने कहा। जल स्त्रोत विहीन एवं संभावित जल समस्या वाले ग्रामों में जल संरक्षण के लिए स्ट्रक्चर तैयार करने कार्ययोजना बनाने कहा।
उन्होंने जल संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पारित कर ज्यादा से ज्यादा जल संरचना निर्माण करने कहा। जिले में निर्मित पुराने स्टाप डेम एवं नाला बंधान एवं अन्य जल संरचनाओं की आवश्यकता के अनुसार मरम्मत कार्य कराने के निर्देश दिए। जिससे अच्छे से पानी का संरक्षण हो सके। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को लाल पानी वाले हेण्डपंपों की जांच करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत सुरूचि सिंह, कार्यपालन अभियंता समीर शर्मा, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन निलेश रामटेके सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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