राष्ट्रीय वन शहीद दिवस

joharcg.com छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर वन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस महत्वपूर्ण दिन पर मुख्यमंत्री ने वन सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की वीरता और बलिदान को याद किया और उनके प्रति गहरी श्रद्धांजलि व्यक्त की।

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस हर साल 11 सितंबर को मनाया जाता है, यह दिन उन वनकर्मियों और वन सुरक्षा बलों की शहादत को सम्मानित करने के लिए समर्पित है जिन्होंने देश की वन संपदा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन हमें उनकी बहादुरी और समर्पण की याद दिलाता है और वन सुरक्षा के महत्व को समझने का एक अवसर प्रदान करता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शहीदों की शहादत को याद करते हुए कहा कि वनकर्मियों का बलिदान देश की वन संपदा की सुरक्षा के लिए अमूल्य है। उन्होंने कहा, “हम सभी को अपने वन कर्मियों के योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। वे हमारे जंगलों के रक्षक हैं और उनके बलिदान की वजह से ही हम अपनी वन संपदा को सुरक्षित रख पा रहे हैं।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य शहीदों की याद में सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना और यह संकल्प लेना है कि हम उनके बताए मार्ग पर चलकर वन संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने वन सुरक्षा को प्राथमिकता देने और इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन भी दिया।

समारोह के दौरान, मुख्यमंत्री ने वनकर्मियों के परिवारों को भी सम्मानित किया और उनकी सेवाओं को सराहा। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी भाग लिया और शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

मुख्य बिंदु:

  1. वन शहीदों को श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री ने वन शहीदों की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।
  2. वन सुरक्षा का महत्व: मुख्यमंत्री ने वन सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया और शहीदों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
  3. संकल्प और आश्वासन: उन्होंने वन सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया और इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया।

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा वन शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि ने उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाया है। इस दिन की मनाने की प्रक्रिया न केवल शहीदों के बलिदान की याद दिलाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि हम अपने जंगलों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति सजग रहें। मुख्यमंत्री का संबोधन और समारोह की विशेषताएँ यह स्पष्ट करती हैं कि वन सुरक्षा एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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