joharcg.com छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को भिलाई के लोक दर्शन एवं कलश नृत्य परिवार के कलाकारों ने एक विशेष भेंट दी है। इस भेंट में उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने द्वारा बनाए गए छायाचित्रों का एक संग्रह प्रस्तुत किया, जो स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर और कला का सम्मानित प्रतिनिधित्व करते हैं।
लोक दर्शन एवं कलश नृत्य परिवार के कलाकारों ने मुख्यमंत्री को छायाचित्र भेंट कर अपनी कला और संस्कृति के प्रति सम्मान प्रकट किया है। इस भेंट का उद्देश्य न केवल मुख्यमंत्री को भिलाई की सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराना है, बल्कि कला और संस्कृति के महत्व को भी उजागर करना है।
छायाचित्रों में भिलाई की पारंपरिक कला, लोक नृत्य, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का चित्रण किया गया है, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाते हैं। यह भेंट मुख्यमंत्री के लिए एक विशेष सम्मान की बात है, और यह भिलाई की सांस्कृतिक विशेषताओं को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी है।
भेंट के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भिलाई के लोक दर्शन एवं कलश नृत्य परिवार के कलाकारों की कला की सराहना की। उन्होंने छायाचित्रों को ध्यानपूर्वक देखा और कलाकारों की मेहनत और समर्पण की तारीफ की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भिलाई की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
लोक दर्शन और कलश नृत्य परिवार के कलाकारों ने इस भेंट के माध्यम से अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रमोट किया और स्थानीय कला को मान्यता दिलाने का प्रयास किया। उन्होंने अपनी कला की विविधता और सांस्कृतिक मूल्य को दर्शाते हुए छायाचित्रों के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक सजीव चित्र प्रस्तुत किया।
भिलाई के लोक दर्शन और कलश नृत्य परिवार ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कला को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ बनाएं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार और सांस्कृतिक संस्थान मिलकर स्थानीय कलाकारों को अधिक अवसर प्रदान करें, ताकि उनकी कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को भिलाई के कलाकारों द्वारा भेंट की गई छायाचित्रों की प्रस्तुति सांस्कृतिक और कलात्मक महत्व को उजागर करती है। यह पहल न केवल स्थानीय संस्कृति और कला के प्रति सम्मान प्रकट करती है, बल्कि इसे बढ़ावा देने और संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह की भेंट और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है और सांस्कृतिक धरोहर को एक नई दिशा मिलती है।