joharcg.com मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह खेती की विधि किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का मार्ग खोलेगी। उन्होंने इस दृष्टिकोण को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया और इसे कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि गौ-आधारित प्राकृतिक खेती किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का रास्ता खोलेगी। जैविक खेती से जुड़कर धान के कटोरे के किसान समृद्ध होंगे। जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर स्थानीय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर भगवान श्री बलराम जी की जयंती भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को हर वर्ष किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वान भी किया। गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले तथा इस क्षेत्र में किसानों को प्रेरित करने वाले उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-आधारित जैविक खेती से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि फसलों की उत्पादकता भी बढ़ती है। इस पद्धति में गोबर और गोमूत्र जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की निर्भरता कम होती है और खेती की लागत घटती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। आज कृषि के क्षेत्र में अनेकों नवाचार हो रहे हैं, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले किसान साहूकार और महाजनों से अत्यधिक ब्याज दर पर पैसे लेने को मजबूर थे। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किसानों की पीड़ा को समझा और किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की व्यवस्था की। किसानों को आज निःशुल्क अथवा बहुत की कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो रहे हैं।

उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पारंपरिक कृषि विधियों के साथ-साथ जैविक और प्राकृतिक खेती की विधियों को अपनाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पद्धति से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। जैविक खेती से प्राप्त फसलें बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त करती हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।

विष्णु देव साय ने राज्य सरकार की ओर से किसानों को गौ-आधारित खेती के लाभों के बारे में प्रशिक्षण देने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस नई दिशा से किसानों को लंबे समय तक लाभ होगा और यह क्षेत्रीय कृषि में एक नई क्रांति लाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गौ-आधारित जैविक खेती से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांवों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ ही, यह पद्धति ग्रामीण विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी

    कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को भगवान श्री बलराम जी जयंती की बधाई और शुभकनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों की समृद्धि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषक कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ। इस मंत्रालय के माध्यम से खेती-किसानी की बेहतरी और किसानों की आय बढ़ाने पर काम हो रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उद्यानिकी, मछलीपालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की भागीदारी बढ़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। भगवान श्री बलराम जी की जयंती के मौके पर राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में किसान दिवस का आयोजन किया गया।  

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