joharcg.com मुख्यमंत्री एस.ए.आई ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस महान कवि को सम्मानित करते हुए उनके योगदान को याद किया। मैथिलीशरण गुप्त ने हिंदी साहित्य को नया दिशा देने में अपने योगदान से ऐतिहासिक महत्व अर्जित किया था।

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त, 1886 को हुआ था। उन्होंने विभिन्न काव्य संग्रहों और काव्य-कृतियों के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को जागरूक किया था। उनकी कविताएं हिन्दू धर्म, भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के विषयों पर आधारित थीं। उन्होंने हिन्दी कविता को एक नया मायापूर्ण स्वर दिया और उसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया।

मैथिलीशरण गुप्त का काव्य जीवन और योगदान आज भी हमारे समाज में एक महान उदाहरण के रूप में स्थापित है। उनकी कविताएं आज भी प्रेरणा स्रोत हैं और लोकप्रियता में उच्च स्थान रखती हैं। उन्होंने अपनी कलम से देशभक्ति, समाज सेवा और राष्ट्रीय एकता के महत्वपूर्ण संदेशों को उजागर किया।

इस जयंती पर, मुख्यमंत्री एस.ए.आई ने मैथिलीशरण गुप्त को उनके समृद्ध काव्य संसार के लिए सलामी दी और उनके योगदान की महत्वता को भावपूर्ण रूप से दर्शाया। उनका संदेश आज भी हमें साहित्यिक दृष्टि से प्रेरित करता है। इस जयंती पर जब मैथिलीशरण गुप्त के जीवन और उनके रचनाकारी किये गए योगदान की याद आती है, तो हमें एक नयी सोच और सिद्धांतों को स्वीकार करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने हमें सिद्ध किया कि कविता की शक्ति केवल भाषा में नहीं, बल्कि मानवता के मूल मूल्यों में भी होती है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुप्त जी की काव्य रचनाओं और उनके योगदान को याद किया और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, जिनकी रचनाएँ भारतीय साहित्य में अमूल्य योगदान प्रदान करती हैं, को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करना एक महत्वपूर्ण घटना थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा, “मैथिलीशरण गुप्त जी का साहित्यिक योगदान अनमोल है। उनकी कविताएँ और रचनाएँ भारतीय संस्कृति और समाज के प्रति उनकी गहरी समझ और प्रेम को दर्शाती हैं। उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देना हमारे लिए गर्व की बात है।”

मुख्यमंत्री ने गुप्त जी के काव्य साहित्य के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुप्त जी की रचनाएँ समाज की समस्याओं और भारतीय संस्कृति के तत्वों को बेहद प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती हैं। उनके काव्य की गहराई और संवेदनशीलता ने उन्हें साहित्य जगत में एक विशिष्ट स्थान दिलाया।

इस कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने गुप्त जी के जीवन और उनके काव्य की विशेषताओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुप्त जी की कविताओं में भारतीय संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक न्याय की गहरी झलक मिलती है। उनकी रचनाओं ने समाज को जागरूक किया और साहित्य को नई दिशा प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को भी प्रेरित किया कि वे गुप्त जी की रचनाओं को पढ़ें और उनकी शिक्षाओं से प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त जी की जयंती हमें उनके साहित्य को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को संजोने का अवसर प्रदान करती है।

यह श्रद्धांजलि अर्पण कार्यक्रम भारतीय साहित्य और संस्कृति के प्रति सम्मान और समर्पण की भावना को दर्शाता है। इस प्रकार के आयोजन न केवल साहित्यिक महत्ता को मान्यता देते हैं बल्कि समाज को सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक भी करते हैं। Vishnu Deo Sai Archives – JoharCG