joharcg.com छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री साय ने एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल करते हुए राज्य के दिव्यांगजनों को निःशुल्क बस पास प्रदान किए। यह कार्यक्रम राजधानी रायपुर में आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से दिव्यांगजनों को बस पास सौंपे। इस कदम का उद्देश्य दिव्यांगजनों को सार्वजनिक परिवहन में सुविधा और स्वतंत्रता प्रदान करना है, जिससे वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बेहतर तरीके से भाग ले सकें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा, “हमारी सरकार का संकल्प है कि हर नागरिक को समान अवसर मिले और किसी भी प्रकार की असमानता को दूर किया जाए। निःशुल्क बस पास योजना दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।”
दिव्यांगजनों को बस पास मिलने से वे अब बिना किसी आर्थिक बोझ के सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकेंगे। इससे उनकी शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी। साथ ही, यह कदम समाज में उनकी समावेशिता को बढ़ावा देगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत ‘दिव्यांगजन निःशुल्क बस-यात्रा पास’ का प्रावधान किया गया है। जिसमें परिवहन विभाग के समन्वय से दिव्यांगजनों के लिए निःशुल्क बस-यात्रा पास तथा रेल यात्रा हेतु रियायत प्रमाण पत्र बनाये जाते हैं।
कार्यक्रम में शामिल दिव्यांगजनों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने दैनिक कार्यों को करने में आसानी होगी। एक दिव्यांगजन, सुषमा ने कहा, “इस बस पास से मुझे अब अपने काम पर जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। मैं मुख्यमंत्री जी की बहुत आभारी हूं।”
सरकार ने इस योजना के तहत सभी जिलों में दिव्यांगजनों को निःशुल्क बस पास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जहां दिव्यांगजन अपने दस्तावेज़ प्रस्तुत कर बस पास प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना का उद्देश्य न केवल दिव्यांगजनों को सुविधाजनक परिवहन प्रदान करना है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना भी है। इससे उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान में वृद्धि होगी।
राज्य सरकार के इस कदम से दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। निःशुल्क बस पास योजना से उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा और वे समाज में बराबरी से अपना योगदान दे सकेंगे।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वासन दिया कि सरकार भविष्य में भी दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए और भी योजनाएं लाएगी, जिससे उनका जीवन और भी सुगम और स्वतंत्र बन सके।