Joharcg.com मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज संसद में प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का बजट पूरी तरह से निराशाजनक और दिशाहीन है। बजट में किसानों, मजदूरों, युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। श्री बघेल ने कहा कि बजट को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि किसानों को, मजदूरों को कुछ मिलेगा, लेकिन इसमें कुछ नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में कोई बात नहीं कही गई है।
पुराने बजट में जिन विषयों को शामिल किया गया था, उनके बारे में कोई प्रावधान नहीं है। 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी, वो भी पूरा नहीं हो रहा है। यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन बजट है। जिसमें न नौजवानों के लिए कुछ है, न बेरोजगारों के लिए, न महिलाओं के लिए और न किसानों के लिए कुछ है। उन्होंने कहा कि बजट में भारत की सबसे बड़े ग्रामीण क्षेत्र की
अर्थव्यवस्था, कृषि एवं किसान, बेरोजगार एवं गरीब, महिलाएं एवं युवा तथा मध्यम वर्ग व सामान्य जन के लिए किसी भी प्रकार की राहत अथवा उनकी आजीविका एवं आय बढ़ाने के बारे में कोई ठोस प्रावधान, कार्ययोजना अथवा इच्छाशक्ति नहीं दिखाई देती। बजट से किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का केन्द्र सरकार का वादा खोखला साबित हुआ है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार के हाल ही में प्रस्तुत बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने इसे “पूरी तरह से निराशाजनक और दिशाहीन” करार दिया है, और कहा है कि यह बजट देश की आर्थिक स्थिति और विकास की आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ है।
- बजट की आलोचना:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट को लेकर अपनी असंतोषजनक प्रतिक्रिया में कहा, “यह बजट हमारे देश की वास्तविक समस्याओं और आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखे बिना प्रस्तुत किया गया है। इसमें ऐसे ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जो आम जनता और विशेष रूप से गरीब वर्ग के लिए लाभकारी हो सकें।” - राज्य के मुद्दे:
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस बजट में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के विकास के लिए आवश्यक विशेष प्रावधानों का अभाव है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए केन्द्र सरकार की ओर से अपेक्षित सहायता और सहयोग की कमी रही है। - विकास योजनाओं की कमी:
भूपेश बघेल ने बजट में विकास योजनाओं की कमी की ओर भी इशारा किया। उनका कहना है कि बजट में केवल कागजी योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, जिनका धरातल पर कोई वास्तविक असर देखने को नहीं मिलेगा। - आर्थिक सहयोग:
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से अपेक्षा की है कि वह राज्यों को अधिक आर्थिक सहयोग प्रदान करे, ताकि स्थानीय विकास परियोजनाएं सुचारू रूप से चल सकें और राज्य के नागरिकों को आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। - सामाजिक सुरक्षा योजनाएं:
उन्होंने बजट में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की अधिकतम प्राथमिकता देने की मांग की है, ताकि गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को पर्याप्त सहायता मिल सके। - विकासशील राज्यों के लिए विशेष प्रावधान:
मुख्यमंत्री ने विकासशील राज्यों के लिए विशेष प्रावधानों की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका मानना है कि ऐसे राज्यों को केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता और संसाधनों की जरूरत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी योजनाओं और परियोजनाओं को जारी रखेगी, भले ही केन्द्र सरकार का बजट अपेक्षित समर्थन प्रदान नहीं करता है।
- स्वायत्त योजनाएं:
राज्य सरकार अपने स्तर पर स्वायत्त विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को प्राथमिकता देगी, जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करने में सहायक होंगी। - आर्थिक सुधार और विकास:
राज्य सरकार ने अपने बजट में आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल की हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेंगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह बयान केन्द्र सरकार के बजट पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है, जो बजट की वास्तविकता और इसके प्रभाव को उजागर करता है। राज्य सरकार की ओर से की गई आलोचना और अपेक्षाएं केन्द्र सरकार को बजट में सुधार की दिशा में प्रेरित कर सकती हैं।