मुख्यमंत्री बघेल

Joharcg.com मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज 18 दिसम्बर को बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर लालपुर धाम में आयोजित गुरु पर्व मेले में शामिल हुए।गुरु पर्व मेला में उन्होंने लालपुर धाम में संचालित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का नाम  गौटिया स्व. श्री अंजोर दास पाटले के नाम पर करने की घोषणा की ।कहा-बाबा गुरु घासीदास जी के संदेश आज भी हैं

प्रासंगिक राज्य सरकार उनके बताए मार्ग पर चलते हुए समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए कर रही है कार्यमुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी बाबा गुरु घासीदास जयंती की शुभकामनाएं राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का किया उल्लेख। लोगों से शासन की योजनाओं का अधिक सेअधिक लाभ उठाने का किया आह्वानकार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री डॉ. शिवकुमार डहरिया सहित अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में थे उपस्थित.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 18 दिसम्बर को बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर लालपुर धाम में आयोजित गुरु पर्व मेला में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन में मुख्यमंत्री ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और श्रद्धालुओं के साथ इस पावन अवसर का जश्न मनाया।

लालपुर धाम में आयोजित गुरु पर्व मेला बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष आयोजन था। इस मेला में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं और उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और मेले की समृद्धि और धार्मिक महत्व की सराहना की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरु पर्व मेला में अपने संबोधन में बाबा गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास जी की शिक्षाएं समाज में समानता और न्याय की ओर एक प्रेरणा का काम करती हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गुरु जी की शिक्षाओं को अपनाकर हम एक समरस समाज की ओर बढ़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने मेला में उपस्थित श्रद्धालुओं से भी संवाद किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में भाईचारा और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों के विकास और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।

  • धार्मिक अनुष्ठान: मेला के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर विशेष पूजन कार्यक्रम शामिल थे।
  • संस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: आयोजन में स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और भजन-कीर्तन भी आयोजित किए गए, जिन्होंने श्रद्धालुओं को गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं से जोड़ने का कार्य किया।
  • समाजिक सहभागिता: इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया और कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया।

मुख्यमंत्री के इस दौरे और उनके संबोधन ने गुरु पर्व मेला के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ा दिया। इस तरह के आयोजनों से समाज में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर स्थानीय धार्मिक स्थलों के विकास और समुदाय के सहयोग को प्रोत्साहित करने की बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार ऐसे धार्मिक आयोजनों और समारोहों को समर्थन देने के लिए आगे भी प्रतिबद्ध रहेगी।

इस प्रकार, 18 दिसम्बर को लालपुर धाम में आयोजित गुरु पर्व मेला ने धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज में एकता और भाईचारे को प्रोत्साहित किया।

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