छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति

joharcg.com छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाओं को पहचानते हुए, छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 को रिवाइज किया जा रहा है। राज्य सरकार का यह कदम पर्यटन क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। छत्तीसगढ़, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है, अब अपनी पर्यटन नीति में संशोधन कर एक नया अध्याय लिखने की तैयारी कर रहा है

2020 में लागू की गई छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति का उद्देश्य राज्य के पर्यटन स्थलों का विकास और उन्हें वैश्विक मानकों तक पहुंचाना था। अब इस नीति को और भी अधिक प्रभावी बनाने के लिए रिवाइज किया जा रहा है। इस नीति के तहत, राज्य में इको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, और धार्मिक स्थलों को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।

छत्तीसगढ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान बन सकता है। चित्रकोट जलप्रपात, बस्तर की गुफाएं, और सरगुजा के जंगल जैसे स्थल राज्य को पर्यटन के लिए अनोखा बनाते हैं। इसके अलावा, राज्य में कई प्राकृतिक अभयारण्य और संस्कृतिक केंद्र भी मौजूद हैं, जो छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की क्षमता रखते हैं।

रिवाइज की गई नीति के तहत, सरकार पर्यटन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास, होटलों और रिसॉर्ट्स की सुविधाओं को बढ़ावा, और स्थानीय पर्यटन गाइडों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अलावा, एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाइल्डलाइफ सफारी, और पर्यावरणीय पर्यटन को भी प्राथमिकता दी जा रही है।

यह नीति न केवल राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। पर्यटन क्षेत्र के विकास से स्थानीय हस्तशिल्प, खान-पान, और संस्कृति को भी वैश्विक मंच मिलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 का रिवाइज होना राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। सरकार के इस कदम से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान भी मिल सकेगी।

रायपुर। राज्य में एथनिक और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज यहां पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बैठक में सूचना नेटवर्क को मजबूत बनाने और इंटरनेशनल टूरिस्ट इवेंट्स में स्टेक होल्डर्स की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए योजना बनाने पर भी चर्चा की गई।

सचिव श्री अन्बलगन पी. ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि आप सब ने राज्य में टूरिज्म प्रमोशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। एथनिक और इको टूरिज्म से जुड़े लोगों का एक ही मंच पर आना पर्यटन के विकास के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि 2020 की पर्यटन नीति को रिवाइज और रिव्यू किया जाएगा, ताकि इसे नया स्वरूप दिया जा सके। होम स्टे गाइडलाइंस को एक फ्रेमवर्क के अंतर्गत लाने का प्रयास भी किया जा रहा है।

श्री अन्बलगन ने कहा कि टूरिज्म बहुत संवेदनशील इंडस्ट्री है। मास टूरिज्म की बजाय हमें वैल्यू टूरिज्म की ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि पर्यटन को एक स्तरीय प्लेटफार्म मिल सके। टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने कहा कि छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों और स्टेक होल्डर को पर्यटन सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि एक इंटरेक्टिव पोर्टल की आवश्यकता है, जिसमें सभी स्टेक होल्डर्स की जानकारी शामिल हो।

नए मोबाइल एप्लिकेशन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। श्री आचार्य ने कहा कि फिल्म पॉलिसी को बढ़ावा देने और पॉलिसी से संबंधित सभी जानकारी देने के लिए एक बुकलेट तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोकल इकोनॉमी को प्रमोट करने के लिए स्थानीय पर्यटन का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

बैठक में छत्तीसगढ़ ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन के सदस्य जसप्रीत सिंह भाटिया, छत्तीसगढ़ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष तरनजीत सिंह होरा, बस्तर के मानसिंग बघेल, रजनीश, जीत आर्या एवं सनी उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बहुमूल्य सुझाव देने के साथ ही इससे जुड़े व्यवहारिक दिक्कतों की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को शासन की ओर से रियायतें दी जानी चाहिए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के होटल एसोसिएशन के सदस्य, छत्तीसगढ़ ट्रैवल एंड ट्रेड एसोसिएशन के सदस्य, होम स्टे ओनर और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

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