joharcg.com छत्तीसगढ़ राज्य दिवस के मौके पर प्रगति मैदान में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर राज्य के विभिन्न भागों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सांस्कृतिक संध्या का आयोजन छत्तीसगढ़ की पारंपरिक नृत्य, संगीत और लोक कला की झलक दिखाने के लिए किया गया था। कार्यक्रम में कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य जैसे ‘सुआ नृत्य’, ‘कछाल घाघरा’ और ‘तरकुला’ के साथ-साथ राज्य की लोकप्रिय लोक संगीत प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धारा से रूबरू कराया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य राजनीतिक व्यक्तित्व उपस्थित थे, जिन्होंने इस आयोजन को राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है और हमें गर्व है कि हम एक ऐसी समृद्ध संस्कृति के वाहक हैं जो सदियों से जीवित रही है।”
इसके अलावा, कार्यक्रम में प्रगति मैदान के विभिन्न हिस्सों में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला और शिल्प का प्रदर्शन भी किया गया। स्थानीय शिल्पकारों ने अपनी कला के नमूने प्रदर्शित किए, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध ‘लोहा कला’ और ‘मटका कला’ शामिल थे।
छत्तीसगढ़ राज्य दिवस की इस सांस्कृतिक संध्या ने राज्यवासियों को एक साथ आने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व करने का एक शानदार अवसर प्रदान किया।
रायपुर 21 नवंबर 2024/ देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति व कला के बड़ी संख्या में लोग साक्षी बने। मौका था 43वें भारत अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ राज्य दिवस समारोह का, जहां एमफी थियेटर में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने मनोहर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य दिवस समारोह का शुभारंभ किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ पवेलियन में अलग-अलग स्टॉलों का भ्रमण कर कलाकारों को प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में राज्य को “संभावनाओं की भूमि” बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब “सशक्त भारत” के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि में नवाचार, और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। हमारा उद्देश्य राज्य को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास के संयोजन के साथ एक वैश्विक पहचान बनाने के लिए तैयार है।
सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ से आये कलाकारों ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न उत्सवों, तीज त्योहारों पर किए जाने वाले नृत्यों की प्रस्तुति दी। दर्शकों ने भरपूर तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। छत्तीसगढ़ी लोकमंच पर गौरा-गौरी, भोजली, राउत नाचा, सुआ, और पंथी जैसे पारंपरिक लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दी गई।
नृत्य के माध्यम से कलाकारों ने छत्तीसगढ़ की लोक कला और सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रस्तुतिकरण किया। कलाकारों ने गौरा-गौरी और भोजली की धार्मिक परंपरा, सुआ नृत्य के भावपूर्ण गीत, और राउत नाचा के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जीवंत लोक परंपराओं से दर्शकों को रूबरू कराया। इसके साथ ही पंथी और करमा नृत्य द्वारा आध्यात्मिकता और भक्ति भाव से दर्शकों को सराबोर कर दिया।
इस अवसर पर दिल्ली में पदस्थ छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी, संस्कृति व राजभाषा विभाग के संचालक विवेक आचार्य, लघु वनोपज के महाप्रबंधक मणिवासन एस, सीएसआईडीसी के महाप्रबंधक विश्वेश कुमार, जनसंपर्क आयुक्त रवि मित्तल, आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।