छत्तीसगढ़ में मौसम

joharcg.com छत्तीसगढ़ में इन दिनों मौसम का अजीब खेल जारी है। कभी तेज धूप लोगों को झुलसा रही है, तो कभी अचानक बरसात होने से मौसम ठंडा हो जाता है। इस अनियमित मौसम परिवर्तन ने जहां आम लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है, वहीं किसानों के लिए भी यह मौसम बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून की अनिश्चितता के कारण छत्तीसगढ़ में यह स्थिति बन रही है। सुबह-सुबह तेज धूप के साथ दिन की शुरुआत होती है, और अचानक दोपहर या शाम को बारिश के बादल छा जाते हैं। यह बदलाव लोगों के लिए एक पहेली बन चुका है। कई बार लोग तेज धूप में घर से निकलते हैं, लेकिन थोड़ी ही देर बाद अचानक बारिश का सामना करना पड़ता है।

इस बार के मौसम बदलाव का असर सिर्फ मौसम तक सीमित नहीं है। धूप और बारिश के इस खेल ने लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाला है। लगातार मौसम में बदलाव से सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को इस असमय मौसम परिवर्तन का अधिक सामना करना पड़ रहा है।

मौसम का यह उतार-चढ़ाव किसानों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। खेती के लिए सही मौसम का इंतजार करने वाले किसान अब अनियमित बारिश और तेज धूप के कारण फसलों को नुकसान होने की आशंका जता रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलें भी इस बदलते मौसम से प्रभावित हो रही हैं, और किसान फसल बचाने के लिए उपाय ढूंढ रहे हैं।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक छत्तीसगढ़ में इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है। कभी धूप तो कभी बारिश का यह सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले हफ्तों में स्थिति सामान्य हो सकती है और मानसून स्थिर हो सकता है।

छत्तीसगढ़ में इस समय मौसम का जो अनिश्चित खेल चल रहा है, उसने हर वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। चाहे आम नागरिक हों, किसान हों या व्यवसायी, सभी को इस मौसम के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह मौसम स्थिर होगा और लोगों को राहत मिलेगी।

रायपुर। भादो माह में छत्‍तीसगढ़ में मौसम के दो रूप देखने को मिल रहे हैं। कभी अचानक बारिश शुरू हो जाती है तो कभी तेज धूप निकल आती है। मौसम विभाग ने आज भी कुछ इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ वज्रपात की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है।

वहीं बुधवार को रायपुर में खंड बारिश हुई। दिन में कुछ इलाकों में तेज बारिश हुई और कई जगहों में धूप खली दिखी। सुबह 10 बजे कोटा में तेज बारिश हुई। गुढ़ियारी में धूप खिली रही। इसी तरह शाम पचपेड़ी नाका क्षेत्र में तेज बारिश हुई। अन्य इलाकों में बूंदाबांदी हुई। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। सबसे अधिक वर्षा कोंडागांव के धनोरा में 20 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री बलरामपुर में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस नारायणपुर में दर्ज किया गया।

समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक गुजर रही है तथा औसत समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक फैली है। उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत में समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर कतरनी क्षेत्र बना हुआ है। एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और आस-पास के इलाकों में समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किलोमीटर के मध्य स्थित है तथा ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। इसके प्रभाव में 05 सितंबर 2024 तक, पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दाब क्षेत्र बनने की संभावना है।

एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी बांग्लादेश और आस-पास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किलोमीटर के मध्य स्थित है। प्रदेश में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। रायपुर में गुरुवार को गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 35 डिग्री और 25 डिग्री के आसपास रह सकता है।

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