joharcg.com रायपुर: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बिसंती साहू ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राज्यपाल ने गांधी जी और शास्त्री जी के आदर्शों और योगदान को याद किया, जो आज भी हमारे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
राज्यपाल ने महात्मा गांधी के जीवन और उनके अहिंसा के सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गांधी जी ने अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के मार्ग का पालन किया। उनका मानना था कि सच्चाई और शांति से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। हमें उनके विचारों को अपनाकर एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि गांधी जी का जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाता है और समाज में एकता और सद्भाव बनाए रखने की कितनी आवश्यकता है। “गांधी जी के सिद्धांतों को आत्मसात करके ही हम अपने समाज को आगे बढ़ा सकते हैं,” राज्यपाल ने कहा।
राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रशंसा करते हुए कहा, “शास्त्री जी ने हमेशा सादगी और ईमानदारी का पालन किया। उनके द्वारा दिया गया ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से यह साबित किया कि साधारण जीवन जीकर भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।”
उन्होंने शास्त्री जी के नेतृत्व में भारत की स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और कठिन समय में दृढ़ता के लिए भी सराहना की। “शास्त्री जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिनाईयों में धैर्य और साहस कैसे बनाए रखा जाए,” राज्यपाल ने कहा।
राज्यपाल ने इस अवसर पर सभी से अपील की कि वे महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। “हमें अपने कार्यों में सच्चाई, ईमानदारी और मानवता के मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए। यही इन महान व्यक्तियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से उन्होंने अपील की कि वे गांधी जी और शास्त्री जी के विचारों को समाज में फैलाएं और आने वाली पीढ़ियों को इन महान नेताओं के बारे में जानकारी दें। इससे नई पीढ़ी को प्रेरित करने और उनके आदर्शों का अनुसरण करने में मदद मिलेगी।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल द्वारा महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को नमन करना न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि उनके विचार और सिद्धांत आज भी हमारे समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है ताकि हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकें।