छत्तीसगढ़ डॉक्टर हड़ताल

joharcg.com रायपुर। कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से रेप और मर्डर के विरोध में छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। रायपुर के मेकाहारा अस्पताल के बाहर करीब 300 जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे हैं। इससे ओपीडी सेवाएं ठप हो गई हैं। वहीं जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के बाहर भी करीब 100 डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं, जिससे वार्ड और लैब का काम प्रभावित हुआ है।

देशभर के जूनियर डॉक्टर्स स्वास्थ्य क्षेत्र में सुरक्षा से संबंधित कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। घटना के विरोध में डॉक्टर पहले से ही काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे और कैंडल मार्च भी निकाला था। एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह और जनरल सेक्रेटरी नवीन कुमार कोठारी ने मांग की है कि, देशभर में सेंट्रल हेल्थ वर्कर्स एंड हेल्थ एस्टेब्लिशमेंट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। अस्पताल में सीसीटीवी लगे और ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाए।
दुर्ग में भी जूडा ने निकाली रैली
इस मामले में दुर्ग जिले में भी जूडा ने अस्पताल के बाहर रैली निकाली। करीब एक घंटे तक जमकर प्रदर्शन किया। मेडिकल स्टाफ ने कोलकाता जूडा रेप और मर्डर का विरोध करते हुए डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग रखी।  3000 से ज्यादा मरीज परेशान
रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में हर दिन अलग-अलग बीमारियों का इलाज कराने के लिए 3000 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। इन मरीजों का चेकअप जूनियर डॉक्टर ही करते हैं। उनके हड़ताल पर जाने से सारी व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
अस्पतालों को ‘सेफ जोन’ घोषित करने की मांग
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लेटर लिखकर देश के अस्पतालों को ‘सेफ जोन’ घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, इस शब्द की परिभाषा कानून में तय की जाए। इसके अलावा सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पुलिस कैंप और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने की मांग की।
एसोसिएशन की ये हैं मांगें
1. इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
2. अपराध को संभव बनाने वाली परिस्थितियों की विस्तृत जांच हो।
3. कार्यस्थल पर डॉक्टरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। छत्तीसगढ़ में हाल ही में डॉक्टरों द्वारा हड़ताल शुरू कर दी गई है, जिससे राज्य के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। इस हड़ताल का मुख्य कारण डॉक्टरों की विभिन्न मांगें हैं, जिनमें वेतन वृद्धि, बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार शामिल हैं।

डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि उन्हें ओपीडी सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। कई मरीजों को आपातकालीन मामलों में भी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल के दौरान कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया जाता, तो हड़ताल जारी रहेगी और अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित होती रहेंगी।

राज्य सरकार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे डॉक्टरों की समस्याओं को समझते हैं और समाधान के लिए प्रयासरत हैं। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि वे जल्द ही एक बैठक बुलाएंगे जिसमें डॉक्टरों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा।

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों से अपील की है कि वे अस्थायी समाधान के लिए अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का रुख करें और आपातकालीन स्थिति में अस्पतालों के आपातकालीन विभाग से संपर्क करें। सरकार और डॉक्टरों के बीच इस मुद्दे पर जल्द ही समझौता होने की उम्मीद है, ताकि मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकें।

Shyam Bihari Jaiswal Archives – JoharCG