Joharcg.com पंजाब में बड़े सियासी धामके की तैयारियां चल रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कांग्रेस को विधिवत तौर पर अलविदा कहकर अपनी नई पार्टी का एलान कर दें। वहीं कैप्टन के एलान के बाद से पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। इसके अलावा कैप्टन भाजपा से गठजोड़, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी और अरूसा आलम के आईएसआई से रिश्ते को पर भी अपनी राय रखेंगे।
कैप्टन को भाजपा के साथ गठबंधन से गुरेज नहीं है लेकिन कांग्रेस उन्होंने कुबूल नहीं है। भाजपा के साथ भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई राजनीतिक पार्टी का गठबंधन सशर्त होगा। अमरिंदर के लिए किसानों का मुद्दा बेहद अहम हैं। इनके समाधान के बगैर वह भाजपा से नाता नहीं जोड़ेंगे। अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर कैप्टन ने लिखा था कि केंद्र सरकार को पहले किसानों के समस्याओं का समाधान करना चाहिए, इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से किसी भी राजनीतिक समझौते पर चर्चा की जाएगी। पंजाब में भाजपा को एक कद्दावर नेता की तलाश है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि कैप्टन को अपने साथ लाने से पहले भाजपा को किसानों का मुद्दा हल करना होगा।
नाराज नेताओं पर नजर
वहीं कैप्टन की नई पार्टी में दूसरे दलों के नाराज नेता हिस्सेदार होंगे। पंजाब कांग्रेस के कई नेता भी कैप्टन की पार्टी का हिस्सा बन सकते हैं। विधानसभा टिकट बंटवारे के दौरान पंजाब कांग्रेस में असंतोष पनपने की आशंका है। अगर ऐसा होता है तो अमरिंदर सिंह इस अवसर को भुनाने की कोशिश जरूर करेंगे। वहीं शिअद से नाराज टकसाली नेताओं पर भी कैप्टन का फोकस है। हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दावा किया था कि कई विधायक उनके संपर्क में हैं।
अरूसा पर छिड़ी रार पर भी रखेंगे पक्ष
वहीं अपनी पाकिस्तानी मित्र अरूसा आलम पर डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा के बयान के बाद भड़के कैप्टन ने सोमवार को ही कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों के साथ अरूसा की फोटो शेयर की थी। 17 साल से अरूसा और कैप्टन के बीच दोस्ती है। कैप्टन ने अरूसा से अपनी दोस्ती को कभी नहीं छिपाया। दोनों की दोस्ती की चर्चा अमरिंदर सिंह की बायोग्राफी ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह द पीपल्स महाराजा’ में एक अध्याय में है, जिसे मशहूर पत्रकार खुशवंत सिंह ने लिखा है। बुधवार की प्रेस कांफ्रेंस में कैप्टन अरूसा से जुड़े सवालों पर भी अपना पक्ष रख सकते हैं।
बी.एस.एफ. मुद्दे पर केंद्र का समर्थन कर चुके हैं कैप्टन
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि हमारे सैनिक कश्मीर में मारे जा रहे हैं। हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा पंजाब में अधिक से अधिक हथियार और ड्रग्स पहुंचाए जा रहे हैं। बीएसएफ की बढ़ी मौजूदगी और ताकत ही हमें मजबूत बनाएगी। हमें केंद्रीय सुरक्षा बलों को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए। इससे इतर पंजाब सरकार इस मुद्दे के विरोध में विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में है।