joharcg.com प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहित करने के लिए 10,900 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी “पीएम ईवी स्कीम” को मंजूरी दी है। यह योजना भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और हरित ऊर्जा को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को व्यापक बनाना, प्रदूषण को कम करना और भारत को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। खासकर दोपहिया, तिपहिया और चारपहिया वाहनों की खरीद में सरकार विशेष सहायता देगी। इसके साथ ही, इस स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को भी तकनीकी विकास के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन मिलेगा, जिससे नए और अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण संभव हो सकेगा।
पीएम ईवी स्कीम के तहत, सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया है। देशभर में चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, ताकि लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, सरकार का उद्देश्य है कि ईवी के उपयोग से जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम हो और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय गिरावट आए।
इस योजना से न केवल प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विस्तार से नई नौकरियों का सृजन होगा, खासकर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, वाहन उत्पादन और सेवा क्षेत्र में। सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस योजना से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
पीएम ईवी स्कीम के तहत, भारत वैश्विक ईवी बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाने की ओर अग्रसर है। सरकार का उद्देश्य है कि भारत न केवल ईवी का प्रमुख उपभोक्ता बने, बल्कि उसका प्रमुख निर्माता भी बने। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को सरकारी सहायता और प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे देश में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ने से पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों का उपयोग घटेगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। इससे सरकार की ‘स्वच्छ भारत’ और ‘हरित भारत’ की दिशा में की जा रही पहलों को भी गति मिलेगी।
10,900 करोड़ रुपये की पीएम ईवी स्कीम को मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम है। यह योजना न केवल भारत को एक हरित और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में अग्रसर करेगी, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और प्रदूषण नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभाएगी।
सरकार का यह प्रयास है कि आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अग्रणी देश बने और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुए।
नई दिल्ली। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 10,900 करोड़ रुपये की ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना’ को मंजूरी प्रदान की। इसकी अवधि दो साल होगी। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की इस योजना में अब ई-वाउचर शामिल हैं, जिससे ईवी खरीदने की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक आसान हो गई है। साथ ही इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस का रास्ता भी साफ हो गया है – जो स्वास्थ्य क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैबिनेट के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, एम्बुलेंस, ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन प्रदान की गई है। पीएम ई-ड्राइव योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया और 14,028 ई-बसों के लिए है।
एसटीयू/सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन लोगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिनके पास सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र है। इस योजना में चार पहिया वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया/तिपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का भी प्रस्ताव है। ई वाहनों के लिए सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा।
मंत्रालय ने कहा कि वह योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए ईवी खरीदारों के लिए ई-वाउचर पेश कर रहा है। मंत्रालय के बयान में बताया गया है, “ईवी की खरीद के समय, योजना पोर्टल खरीदार के लिए आधार प्रमाणित ई-वाउचर तैयार करेगा। ई-वाउचर डाउनलोड करने के लिए एक लिंक खरीदार के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।” इस योजना में ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
ई-एम्बुलेंस के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा अन्य संबंधित हितधारकों के परामर्श से तैयार किया जाएगा। देश में बढ़ते ईवी इकोसिस्टम को देखते हुए, स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने कहा कि मंत्रालय के तत्वावधान में 780 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन को मंजूरी दी गई है।