Joharcg.comभाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने बिलासपुर में कोरोना संक्रमण से हुई 328 मौतों का आँकड़ा छिपाए जाने के हुए ताज़े ख़ुलासे को बेहद गंभीर माना है और उससे भी ज़्यादा प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे लापरवाह लोगों की ज़िंदग़ी व मौत के मामलों में खिलवाड़ करने वाले अफ़सरों को महज़ 50 रुपए के ज़ुर्माने की दी गई सजा को बेहद निकृष्ट दर्ज़े की सोच बताया है। श्री सिंहदेव ने कहा कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छिपाने की इतनी गंभीर लापरवाही को लेकर प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता के चरम का प्रदर्शन हुआ है। अभी तो यह एक स्थान का मामला सामने आया है, जबकि भाजपा ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान ही प्रदेशभर में संक्रमितों व मृतकों के आँकड़ों के साथ हुई छेड़छाड़ पर प्रदेश सरकार का ध्यान लगातार आकृष्ट किया था, लेकिन तब प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। श्री सिंहदेव ने कहा कि नीयत और नीति के मोर्चे पर दरिद्र हो चली यह प्रदेश सरकार अब भी लोगों के साथ कैसा क्रूर मज़ाक कर रही है, बिलासपुर का यह मामला उसकी एक झलक है।
सिंहदेव ने कहा कि बिलासपुर में कोरोना मृतकों के आँकड़े छिपाने और अफ़सरों पर किए गए ज़ुर्माने से प्रदेश सरकार क्या यह बताना चाह रही है कि उसके अधिकारी बड़ी-से-बड़ी लापरवाही करके सिर्फ़ 50 रुपए का ज़ुर्माना अदा करके छुट्टी पा सकते हैं? श्री सिंहदेव ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए यह सपष्ट करने की मांग की है कि क्या सरकार अपने अफ़सरों से कुछ भी कहने की स्थिति में रह गई है? क्या प्रदेश सरकार कठोर दंड देने के बजाय मामूली-सा ज़ुर्माना करके अफ़सरों को इस बात की छूट दे चुकी है कि अफ़रशाही प्रदेश की जनता की सेहत और ज़िंदग़ियों से चाहे जितना खिलवाड़ कर ले, प्रदेश सरकार उनसे 50 रुपए ज़ुर्माना लेकर उन्हें उनके इस गंभीर अपराध से बरी कर देगी। श्री सिंहदेव ने कहा कि कोरोना मृतकों के आँकड़ों को छिपाने का काम करने वाले अधिकारियों पर किए गए ज़ुर्माने से तो यही प्रतीत हो रहा है कि कोरोना मृतकों के प्रति यह शर्मनाक संवेदनहीनता प्रदेश सरकार के इशारों पर प्रदर्शित की गई है और कोरोना मृतकों के लिए घोषित विभिन्न कल्याणकारी सहायता योजनाओं के लाभ से कोरोना मृतकों के परिजनों को वंचित रखने का षड्यंत्र रचा गया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते विपक्ष में थे तो घुड़सवारी की बड़ी-बड़ी डींगें हाँका करते थे और भाजपा की तत्कालीन प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर ताना मारते फिरते थे और कहते थे कि अफ़सरों से कैसे काम लिया जाता है, यह मैं जानता हूँ। अफ़सरों से काम लेना भाजपा वालों को नहीं आता। अब मुख्यमंत्री बघेल यह बताएँ कि क्या उनको अपने अधिकारियों से काम लेना नहीं आ रहा है या अधिकारी उनके कहने पर ही कोरोना से हुई मौतों जैसे सर्वाधिक मार्मिक व संवेदनशील मामलों में आँकड़ों को छिपाकर छेड़छाड़ कर रहे हैं? श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी के इस आपराधिक स्तर के कृत्य से प्रदेश के लोगों का बेहद नुक़सान हुआ है। प्रदेश की छवि देशभर में ख़राब हो रही है। आख़िर प्रदेश सरकार क्यों मौतों के आँकड़े छिपाने काम कर रही है?