joharcg.com पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक को हाल ही में एक गंभीर मामले में निलंबित किया गया है, जिसमें उन पर कबाड़ में पुस्तकें बेचने का आरोप लगाया गया है। यह कार्रवाई शिक्षा विभाग की ओर से की गई है, जिसने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित निर्णय लिया है।
सूत्रों के अनुसार, महाप्रबंधक पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी पुस्तकें, जो छात्रों के लिए आवश्यक थीं, उन्हें कबाड़ में बेच दिया। यह घोटाला तब सामने आया जब कुछ स्थानीय निवासियों ने देखा कि स्कूलों के लिए निर्धारित पुस्तकें कबाड़ के रूप में बेची जा रही थीं। इस मामले की जांच शुरू होने पर कई अन्य अनियमितताओं का भी पता चला।
शिक्षा विभाग ने कहा,
“हम शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी।”
महाप्रबंधक का निलंबन इस बात का संकेत है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठा रही है। स्थानीय नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि इस प्रकार की कार्रवाइयों से प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और यदि अन्य अधिकारी या कर्मचारी इस मामले में शामिल पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इस निलंबन से यह साफ है कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने और छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प किया है। अब देखना यह है कि इस मामले में और कौन-कौन से तथ्य सामने आते हैं और क्या सरकार इस मामले में आगे की कार्रवाई करती है।
इस घटना ने यह भी दिखाया है कि कबाड़ में पुस्तकें बेचना न केवल एक अपराध है, बल्कि यह छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ करने के समान है। शिक्षा के इस क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ऐसी कार्रवाइयों की आवश्यकता है।
इस प्रकार, पाठ्य पुस्तक निगम के जीएम का निलंबन शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, और इससे अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी बनी है।
रायपुर। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में महाप्रबंधक (जीएम) प्रेम प्रकाश शर्मा को निलंबित कर दिया है। शर्मा राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं। शर्मा पर यह कार्रवाई पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों को रद्दी में बेचने के मामले में की गई है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था।
मुख्यमंत्री साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना के प्रकाश में आने पर तत्काल गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे। जांच के उपरांत छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही उन्हें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जाँच का दायित्व मुख्य सचिव के पश्चात सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना यह स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं । यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी।