joharcg.com स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि शिक्षक बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं देते बल्कि उन्हें एक आदर्श नागरिक भी बनाते हैं। शिक्षक उत्कृष्ट आचरण और उच्च नैतिकता का उदाहरण पेश करें। उन्होने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा लेकिन लापरवाही और अनैतिक गतिविधि में शामिल होने पर कार्यवाही भी होगी।
परीक्षा परिणाम में 10 प्रतिशत की वृद्धि को बरकरार रखें
श्री परदेशी कल बलौदाबाजार जिला प्रवास के दौरान जिला ऑडिटोरियम में प्रचार्यो की बैठक लेकर बोर्ड परीक्षा तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने विगत वर्ष की परीक्षा परिणाम में 10 प्रतिशत की वृद्धि को बरकरार रखने सामूहिक प्रयास करने के निर्देश दिये।
उत्तर लिखने की प्रैक्टिस कराएं
श्री परदेशी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी के क्रम में बच्चों को पिछले प्रश्न पत्र एवं प्रश्न बैंक से उत्तर लिखने की प्रैक्टिस कराएं।
माध्यन्ह भोजन की गुणवत्ता हेतु नियमित निरीक्षण करें
श्री परदेशी ने अपार आईडी की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए सभी बच्चों के अपार आईडी बनाने का कार्य तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिये। स्कूल शिक्षा सचिव ने हाल ही में सम्पन्न त्रैमासिक परीक्षा, अपार आई.डी. की प्रगति, यू-डाईप्लस 2025-26 प्रविष्टि, छात्रवृत्ति, मूलभूत सुविधा आदि एजेंडों पर विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने माध्यन्ह भोजन की गुणवत्ता हेतु नियमित निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये।

बैठक मे सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल, संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. संजय गुहे, सहायक संचालक एवं प्राचार्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
जिले में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सचिव श्री परदेशी ने शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर देते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर परिणाम लाने के लिए केवल शिक्षक या छात्र ही नहीं, बल्कि अभिभावक, विद्यालय प्रबंधन, प्रशासन और समाज सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी संभव है, जब सभी हितधारक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समयबद्ध और परिणामोन्मुख तरीके से काम करें।
सचिव श्री परदेशी ने अधिकारियों एवं प्राचार्यों के साथ बैठक में आगामी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने विद्यालयों में पढ़ाई की वास्तविक स्थिति, नियमित कक्षाओं की संख्या, टेस्ट सीरीज़, मॉडल पेपर अभ्यास, पिछड़े विद्यार्थियों की पहचान और उनके लिए विशेष कक्षाओं की व्यवस्था जैसी बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन विषयों में परिणाम कमजोर रहे हैं, वहाँ विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की मदद से सुधारात्मक कदम तुरंत उठाए जाएं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक विद्यालय में मासिक मूल्यांकन परीक्षण अनिवार्य रूप से लिया जाएगा, ताकि छात्रों की प्रगति का समय-समय पर आकलन हो सके। सचिव ने कहा कि केवल परीक्षा से कुछ दिन पहले तैयारी करने की संस्कृति को बदलना होगा। छात्रों के लिए वर्षभर निरंतर अध्ययन, पुनरावृत्ति और अभ्यास की आदत विकसित की जाए। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे सवाल-जवाब, क्विज, समूह चर्चा और बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर आधारित प्रश्नपत्रों के माध्यम से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाएं।
सचिव श्री परदेशी ने अभिभावकों की भूमिका पर विशेष जोर देते हुए कहा कि घर का वातावरण पढ़ाई के अनुकूल होना चाहिए। बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालने के बजाय उन्हें प्रोत्साहित किया जाए, समय पर भोजन, आराम और पढ़ाई के लिए शांत माहौल उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि अभिभावक नियमित रूप से विद्यालय से संपर्क में रहें और बच्चों की प्रगति रिपोर्ट पर ध्यान दें।

