joharcg.com कांकेर। सरकारी योजनाएं यदि सही ढंग से लागू हों तो वे आमजन के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। इसका एक प्रेरक उदाहरण कांकेर जिले की अनिता हैं, जिन्होंने बिहान योजना के माध्यम से अपनी जिंदगी की दिशा ही बदल डाली। कभी आर्थिक तंगी से जूझ रही अनिता आज हॉलर मिल, किराना दुकान और पत्तल-दोना निर्माण व्यवसाय के जरिये लखपति दीदी के रूप में जानी जाती हैं।
अनिता की कहानी उस समय बदली जब वह बिहान के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ीं। प्रारंभिक चरण में उन्होंने छोटे स्तर पर व्यवसाय की शुरुआत की, जिसमें उन्हें समूह की महिलाओं का सहयोग और सरकारी योजनाओं का वित्तीय सहारा मिला। धीरे-धीरे मेहनत और लगन से उन्होंने व्यवसाय का विस्तार किया। आज उनके पास हॉलर मिल है, जहां ग्रामीण अपने धान और अनाज की पिसाई कराते हैं। यह न केवल उनकी आय का बड़ा जरिया है, बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी सुविधाजनक साबित हो रहा है।
इसके साथ ही अनिता ने किराना दुकान खोलकर गांव में रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुएं उपलब्ध कराना शुरू किया। गांववासियों को अब छोटी-छोटी चीजों के लिए दूर नहीं जाना पड़ता और अनिता को इससे स्थिर आय का स्रोत मिला है। वहीं, पत्तल और दोना निर्माण का कार्य उन्हें अतिरिक्त कमाई देता है। इस काम ने न केवल उनकी आय बढ़ाई है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराया है।
अनिता कहती हैं कि बिहान ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई। पहले वह परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करती थीं, लेकिन अब वे न केवल अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई कर रही हैं बल्कि परिवार की हर आवश्यकता पूरी करने में सक्षम हैं। उनकी सफलता ने गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है। कई महिलाएं अब उनके मार्गदर्शन में छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने का सपना देख रही हैं।
जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी अनिता के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस तरह की कहानियां ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई देती हैं और बिहान योजना के असली उद्देश्य को धरातल पर उतारती हैं।
अनिता की यह उपलब्धि साबित करती है कि सही अवसर और मेहनत से गांव की महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त होकर समाज में अपनी पहचान बना सकती हैं।