राजस्व न्यायालयों

joharcg.com राज्य सरकार ने राजस्व न्यायालयों के कामकाज में बड़े बदलाव की घोषणा की है। नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो न्यायालयों के कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।

इन नए नियमों के अंतर्गत, राजस्व न्यायालयों में फाइलिंग प्रक्रिया, सुनवाई की प्रक्रिया और निर्णय देने की प्रणाली को अपडेट किया गया है। अब से सभी मामले इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज किए जाएंगे, जिससे समय की बचत होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, न्यायालयों में सुनवाई की तिथियों का भी बेहतर प्रबंधन किया जाएगा, ताकि मामलों का शीघ्र निपटारा किया जा सके।

नए नियमों के अनुसार, राजस्व न्यायालयों में सभी दस्तावेज़ों की स्कैनिंग और डिजिटल फाइलिंग की जाएगी, जिससे केस की जानकारी को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। इसके साथ ही, न्यायालयों में अपीलों और समीक्षा की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। ये बदलाव न्यायालयों के कार्यों में दक्षता लाने के साथ-साथ नागरिकों के लिए अधिक सुलभता प्रदान करेंगे।

नए नियमों का सीधा प्रभाव आम नागरिकों पर पड़ेगा। पहले जहां मामलों का निपटारा कई महीनों या वर्षों में होता था, अब उम्मीद है कि नए नियमों के लागू होने से निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी। इससे नागरिकों को न्याय पाने में आसानी होगी और उन्हें लंबी प्रतीक्षा सूची का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सरकार ने इन नए नियमों को लागू करने के पीछे एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखा है। अधिकारियों का मानना है कि इससे न्यायालयों में कामकाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और न्यायपालिका में आम जनता का विश्वास बढ़ेगा। साथ ही, यह भी उम्मीद की जा रही है कि इन बदलावों के माध्यम से भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कम किया जा सकेगा।

राजस्व न्यायालयों के कामकाज में ये नए बदलाव न केवल न्याय प्रणाली को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इससे आम जनता को भी काफी लाभ होगा। सरकार की कोशिश है कि सभी नागरिकों को न्याय मिल सके और इस दिशा में उठाए गए कदम सराहनीय हैं।

रायपुर। राज्य सरकार राजस्व न्यायालयों के कामकाज में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार ने नए नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है और इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। प्रस्तावित नियमों पर दावा-आपत्ति दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।

नए नियम: ‘राजस्व न्यायालयों की कार्यपद्धति के नियम, 2024’
इन नए नियमों का नाम ‘राजस्व न्यायालयों की कार्यपद्धति के नियम, 2024’ रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार, इन नियमों में जमीन से संबंधित मामलों की सुनवाई और उनके निराकरण की प्रक्रिया को विस्तृत रूप से परिभाषित किया गया है। नए नियमों का उद्देश्य राजस्व मामलों को तेजी से सुलझाने की प्रक्रिया को सशक्त और प्रभावी बनाना है।

निराकरण में आएगी तेजी
अधिकारियों का मानना है कि इन नए नियमों के लागू होने से राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के निपटारे की गति तेज होगी। यह बदलाव राज्य में न्यायिक प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार की यह पहल राजस्व न्यायालयों के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता लाने के साथ-साथ लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से की जा रही है।

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