joharcg.com रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति अब विकास की नई राह खोलने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि इस बार उद्योग नीति का केंद्र बिंदु बस्तर संभाग होगा। लंबे समय से प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर होने के बावजूद बस्तर अपेक्षित औद्योगिक विकास से वंचित रहा है। अब सरकार की प्राथमिकता है कि इस क्षेत्र को उद्योग और निवेश का प्रमुख गंतव्य बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई उद्योग नीति में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने, बस्तर की विशिष्ट वन संपदा और खनिज संसाधनों का सही उपयोग करने तथा छोटे-बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष बल रहेगा। उन्होंने बताया कि बस्तर में एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम और खनन आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। सरकार चाहती है कि इन संसाधनों को स्थानीय जनभागीदारी के साथ विकसित किया जाए, ताकि बस्तर की पहचान केवल खनिज संपदा तक सीमित न रहे, बल्कि रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का भी केंद्र बने।

उन्होंने यह भी कहा कि नई नीति के तहत बस्तर में निवेशकों को विशेष रियायतें दी जाएंगी। सरकार बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने, सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को बेहतर करने तथा उद्योगों के लिए आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से अपील की कि वे बस्तर में अवसरों को पहचानें और यहां के विकास में भागीदार बनें।

इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि उद्योगों के विस्तार के दौरान पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय आदिवासी समुदायों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सरकार चाहती है कि विकास और परंपरा का संतुलन बना रहे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह नीति जमीन पर सही तरह से लागू होती है तो बस्तर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में निवेश का हॉटस्पॉट बन सकता है। नई उद्योग नीति से यहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार मिलेगा।
इस तरह छत्तीसगढ़ सरकार की नई उद्योग नीति बस्तर के विकास की नई कहानी लिखने जा रही है, जो राज्य के संतुलित औद्योगिक प्रगति की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।