joharcg.com छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मनाया जाने वाला दशहरा पर्व न केवल स्थानीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह विश्वभर में अपनी विशिष्टता के लिए भी जाना जाता है।वन एवं सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप को उनके निवास कार्यालय में बस्तर के सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष श्री महेश कश्यप के साथ प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात कर बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया।
मंत्री श्री कश्यप ने सभी आवश्यक तैयारियां की जानकारी ली तथा सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दी। इस वर्ष के बस्तर दशहरा पर्व में भाग लेने के लिए सांसद ने वन मंत्री श्री केदार कश्यप को औपचारिक निमंत्रण दिया है। यह न्यौता पर्व की महत्ता को और भी बढ़ाता है, जिससे इस अद्वितीय सांस्कृतिक उत्सव में सरकारी प्रतिनिधित्व की संभावना बढ़ गई है।
बस्तर दशहरा, जो 75 दिनों तक चलता है, आदिवासी संस्कृति, परंपरा और धार्मिक आस्था का अद्वितीय संगम है। इस पर्व के दौरान, आदिवासी समुदाय देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं और अपने पारंपरिक नृत्य, गीत, और अनुष्ठानों के माध्यम से अपनी संस्कृति को जीवित रखते हैं। इस पर्व का मुख्य आकर्षण ‘दंतेवाड़ा’ का मेला और ‘कोटमी’ के अनुष्ठान होते हैं, जो हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बस्तर दशहरा न केवल छत्तीसगढ़ के लिए बल्कि देश के लिए भी सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने कहा, “इस पर्व के दौरान हमें अपनी संस्कृति को सहेजने और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।” उनके द्वारा पर्व में शामिल होने के निमंत्रण का स्वागत किया गया है, जिससे बस्तर की सांस्कृतिक गरिमा और भी बढ़ेगी।
सांसद ने कहा, “बस्तर दशहरा केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान का हिस्सा है। हमें इसे संरक्षित और प्रोत्साहित करना चाहिए।” उन्होंने मंत्री को आमंत्रित करते हुए कहा कि उनके आने से इस पर्व की शोभा और बढ़ेगी और इससे स्थानीय समुदाय को प्रोत्साहन मिलेगा।
बस्तर दशहरा पर्व में स्थानीय समुदाय की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। आदिवासी लोग अपने पारंपरिक परिधान पहनकर इस उत्सव में भाग लेते हैं, जिससे उनकी सांस्कृतिक पहचान और मजबूत होती है। मंत्री के शामिल होने से यह उम्मीद जताई जा रही है कि स्थानीय समुदाय के लिए और अधिक विकासात्मक योजनाएं लागू की जाएंगी, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।
बस्तर दशहरा पर्व, जो विश्व प्रसिद्ध है, इस वर्ष वन मंत्री श्री केदार कश्यप की उपस्थिति से और भी खास बनने जा रहा है। सांसद द्वारा उन्हें दिया गया निमंत्रण पर्व की महत्ता को दर्शाता है और इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार भी इस सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता को भी प्रदर्शित करता है। बस्तर दशहरा पर्व में भाग लेकर हम अपनी परंपराओं को न केवल जीवित रखेंगे, बल्कि नई पीढ़ी को भी इससे जोड़ने का कार्य करेंगे।