joharcg.com छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक तिरंगे को 26 गांवों में पहली बार लहराया गया। यह एक ऐतिहासिक कदम था, जो क्षेत्रीय विकास और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया। तिरंगा फहराने का यह समारोह ग्रामीणों के लिए बेहद गर्व और उत्साह का पल था, क्योंकि ये गांव पहले इस अवसर को सही तरीके से नहीं मना पाते थे।
केंद्र और राज्य सरकार की पहल पर बस्तर के विभिन्न गांवों में तिरंगा यात्रा आयोजित की गई। इन गांवों में कई दशकों बाद तिरंगा फहराया गया, जिससे स्थानीय लोगों में एक नई चेतना और देशभक्ति का संचार हुआ। इस मौके पर ग्रामीणों ने भी अपने समाज और देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम का इज़हार किया।
यह पहल बस्तर क्षेत्र में राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने और ग्रामीणों में एकजुटता के संदेश को फैलाने के लिए की गई। तिरंगा फहराने के साथ-साथ इन गांवों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलों का भी आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों और बुजुर्गों ने समान रूप से भाग लिया।
स्थानीय प्रशासन ने इस समारोह को ऐतिहासिक मानते हुए तिरंगे की उचित सम्मान के साथ फहराए जाने की व्यवस्था की। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम बस्तर के ग्रामीणों में राष्ट्र प्रेम को और बढ़ावा देगा और उन्हें देश के विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
रायपुर, 28 जनवरी 2025/ छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 76वें गणतंत्र दिवस का आयोजन इस बार इतिहास में खास दर्ज हुआ। वह गांव, जो कभी नक्सलियों के खौफ और आतंक के साए में जीने को मजबूर थे, अब शांति और विकास की नई राह पर चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन अभियान की जबरदस्त सफलता के चलते गांवों में सुरक्षा और विश्वास का नया माहौल बनने से इस बार 26 गांवों में पहली बार ग्रामीणों ने तिरंगा फहराया और पूरे उत्साह से गणतंत्र दिवस मनाया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन अभियान ने बस्तर संभाग में सुरक्षा और विकास की नई कहानी लिखी है। इस अभियान के अंतर्गत बस्तर के अंदरूनी और सुदूर इलाकों में सुरक्षा केंद्र स्थापित कर शांति बहाल की गई है। इन गांवों में कभी नक्सलियों का प्रभाव इतना गहरा था कि लोग राष्ट्रीय पर्व तो दूर, सामान्य जीवन भी भय के साए में जीने को मजबूर थे। अब, नक्षत्र अभियान के प्रयासों से वहां न केवल शांति स्थापित हुई है, बल्कि स्थानीय लोगों में एक नई उम्मीद जगी है।
गौरतलब है कि बीते एक वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुल 26 नए सुरक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन सुरक्षा केंद्रों ने न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि इन क्षेत्रों को विकास केंद्र का स्वरूप दिया है। बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और कांकेर जिलों के इन गांवों में ग्रामीणों ने पहली बार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पूरे उत्साह से इस पर्व में भाग लिया।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन सुरक्षा केंद्रों पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान गणतंत्र दिवस के महत्व पर चर्चा की गई और लोगों को मिठाइयां, बच्चों को चॉकलेट और अन्य सामग्री वितरित की गई।
गौरतलब है कि बीजापुर जिले में गुंडम, फुटकेल, छुटवाही, कोंडापल्ली, ज़िडपल्ली, वाटेवागु, कर्रेगट्टा, पीड़िया, नारायणपुर जिले में कस्तुरमेटा, मसपुर, ईरकभट्टी, मोहंदी, होरादी, गारपा, कच्चापाल, कोड़लियार, सुकमा जिले में टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, लखापाल, पूलनपाड़, तुमालपाड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा, मेंट्टागुड़ा तथा कांकेर जिले में पानीडोबीर सुरक्षा कैंप बीते एक सालों में स्थापित किए गए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों के सामूहिक प्रयासों से बस्तर संभाग में शांति और लोकतंत्र की बहाली हुई है। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत स्थापित सुरक्षा केंद्रों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को शांति और विकास की राह पर लाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
जगदलपुर के लालबाग परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह में उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता और बस्तर संभाग में सुरक्षा एवं विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।