joharcg.com पितृ पक्ष का समय हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का होता है। इस अवधि में कुछ खास वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपके पूर्वज नाराज हो सकते हैं।
पितृ पक्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार, वर्ष में दो बार आता है—श्राद्ध पक्ष और चातुर्मास। इस दौरान, परिवार के सदस्यों द्वारा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इन दिनों में विशेष प्रकार की धार्मिक और पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन किया जाता है, ताकि पूर्वजों को प्रसन्न किया जा सके।
पितृ पक्ष के दौरान कुछ वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए, जिनमें शामिल हैं:
- धातु के बर्तन: पितृ पक्ष में धातु के बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है। इसे लेकर मान्यता है कि इससे आपके पूर्वज नाराज हो सकते हैं।
- नये कपड़े: इस दौरान नये कपड़े खरीदना भी ठीक नहीं माना जाता। इसे लेकर विश्वास है कि इससे घर की समृद्धि प्रभावित हो सकती है।
- शराब और अन्य नशीले पदार्थ: पितृ पक्ष में शराब और नशीले पदार्थों की खरीददारी पूरी तरह से वर्जित है। इससे न केवल धार्मिक अनुष्ठान प्रभावित होते हैं, बल्कि परिवार में अशांति भी आ सकती है।
- गहने: इस अवधि में गहनों की खरीदारी को भी नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है। यह मान्यता है कि इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती।
- साधारण वस्तुएं: जैसे कि घर की मरम्मत के लिए आवश्यक वस्तुएं भी इस दौरान नहीं खरीदनी चाहिए। यह मान्यता है कि इससे घर में धन का प्रवाह रुक सकता है।
इन वस्तुओं से परहेज करने की धार्मिक मान्यता है कि यह पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद को बनाए रखने के लिए किया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान, जो भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, वह पूर्ण सम्मान और आदर के साथ की जानी चाहिए, ताकि आपके पूर्वज खुश और संतुष्ट रहें।
पितृ पक्ष के दौरान किसी भी वस्तु की खरीदारी से पहले उसकी धार्मिक मान्यता और परंपराओं को समझना आवश्यक है। इस समय, पारंपरिक और धार्मिक अनुशासन का पालन करके आप अपने पूर्वजों को सम्मान दे सकते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।
पितृ पक्ष साल 2024 में 17 सितंबर से शुरू है। 2 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितृ पक्ष का समापन होगा। पितृ पक्ष के दौरान तिथि के अनुसार पितरों का श्राद्ध किया जाता है, साथ ही जिन पूर्वजों के मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या के दिन किया जाता है। पितृपक्ष के दौरान हमें कुछ नियमों का पालन करने के लिए भी कहा जाता है, जैसे इस दौरान दाढ़ी-बाल नहीं कटवाने चाहिए, बड़े-बुजुर्गों से बहसबाजी नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जिनको पितृ पक्ष के दौरान खरीदना सही नहीं माना जाता। इन चीजों को खरीदने से पितृ नाराज होते हैं। आइए जान लेते हैं इन वस्तुओं के बारे में।
श्राद्ध के दौरान न खरीदें नमक
पितृपक्ष के दौरान दान का बड़ा महत्व है, इस दौरान नमक का दान भी आप कर सकते हैं। लेकिन नमक खरीदना इस समय सही नहीं माना जाता। इसलिए श्राद्ध शुरू होने से पहले ही आपको नमक खरीद लेना चाहिए। पितृपक्ष के दौरान नमक खरीदने से बीमारियां आपको घर सकती हैं।
सरसों का तेल खरीदने से शनि का बढ़ेगा प्रकोप
अगर आप पितृ पक्ष के दौरान सरसों का तेल खरीदते हैं तो पितरों के साथ ही शनि देव भी कुपित हो जाते हैं। इसलिए गलती से भी इस दौरान सरसों का तेल न खरीदें। इसको भी पितृपक्ष शुरू होने से पहले ही खरीदकर आपको रख देना चाहिए।
झाडू खरीदने से बचें
झाडू का संबंध माता लक्ष्मी से है। पितृ पक्ष के दौरान झाडू खरीदने से भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, खासकर आपकी आर्थिक स्थिति पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए श्राद्ध के दौरान झाडू खरीदने की गलती न करें।
नए वस्त्र और आभूषण खरीदने से बचें
पितृपक्ष वह समय है जब हम अपने पितरों को याद करते हैं और सात्विक जीवन जीते हैं, इसलिए गलती से भी आपको पितृ पक्ष के दौरान नए वस्त्र और आभूषण खरीदने से बचना चाहिए। इस अवधि में ज्यादा साज-सज्जा करने की बजाय सात्विक रहने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
वाहन और भूमि-भवन की न करें खरीदारी
पितृ पक्ष के 15-16 दिनों में आपको वाहन और भूमि-भवन खरीदने से भी बचना चाहिए। अगर गलती से आप ऐसा कर लेते हैं तो इसके गंभीर परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं, इस दौरान भूमि या वाहन की खरीदारी करने से फायदे की जगह आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इन वस्तुओं के साथ ही पितृ पक्ष के दौरान आपको मांस-मदिरा की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए, और ना ही इन चीजों का सेवन करना चाहिए। इन चीजों का सेवन करने से आप तो कष्ट भोगते ही हैं, आपके पितरों की आत्मा भी अशांत होती है।