अरनपुर-जगरगुंडा

joharcg.com सुकमा जिले में उग्रवाद से प्रभावित जगरगुंडा इमली की बिक्री के लिए एशिया का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। इसी बाज़ार के लिए अरनपुर-जगरगुंडा सड़क का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। यह सड़क डीजी सुंदरराज पी की नेतृत्व में, दक्षिण बस्तर के जगरगुंडा क्षेत्र को सभी दिशाओं से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

सीआरपीएफ के डीआईजी विकास कटारिया ने बताया कि इस सड़क का उद्देश्य सिर्फ नक्सल विरोधी अभियानों का समर्थन करना नहीं था, बल्कि यह लोगों के लिए समर्पित है। सुरक्षा बलों के साथ राज्य सरकार का यह उत्कृष्ट प्रयास लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा। इस महत्वपूर्ण सड़क को पूरा करने में लगभग 5-6 साल लगेंगे, लेकिन इससे जगरगुंडा क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है। यह सड़क इस एकल सड़क से लोगों को बाहरी दुनिया से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बनेगी।

सीआरपीएफ और पुलिस ने इस महत्वपूर्ण मार्ग के निर्माण के लिए व्यापक अभियान चलाए हैं और कई सुरक्षाकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर कर्तव्य निभाया है। इस सड़क के निर्माण से स्थानीय आबादी को आर्थिक सुधार के अवसर मिलेंगे और वहाँ का विकास होगा। इस उत्कृष्ट कार्य के लिए सुरक्षा बलों और राज्य सरकार की सहायता का धन्यवाद। इससे जगरगुंडा क्षेत्र को नये आयाम मिलेंगे और सुकमा जिले में विकास के साथ-साथ सुरक्षा भी मजबूत होगी।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित अरनपुर से जगरगुंडा तक की सड़क का निर्माण कार्य आखिरकार पूरा हो गया है। यह सड़क न केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत की बात है, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। इस सड़क के निर्माण ने एक नए युग की शुरुआत की है, जिससे क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।

अरनपुर से जगरगुंडा तक की सड़क का निर्माण लंबे समय से प्रतीक्षित था। इस सड़क की लंबाई लगभग 40 किलोमीटर है और इसे बनाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित रहा है, जिससे निर्माण कार्य में कई बार बाधाएँ आईं। लेकिन सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया जा सका।

इस सड़क के निर्माण से सबसे बड़ा फायदा स्थानीय लोगों को होगा। पहले, यहाँ के निवासियों को मुख्य शहरों तक पहुँचने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। सड़क के निर्माण के बाद, अब वे आसानी से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बाजारों तक पहुँच सकेंगे। इससे न केवल उनकी जीवनशैली में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

अरनपुर-जगरगुंडा सड़क के निर्माण से क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएँ खुल गई हैं। इस सड़क के माध्यम से गाँवों को शहरों से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादों की बिक्री और व्यापार में वृद्धि होगी। साथ ही, पर्यटकों के लिए भी यह क्षेत्र अब अधिक सुलभ हो जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

इस सड़क के निर्माण से सुरक्षा बलों को भी लाभ होगा। अब वे अधिक आसानी से और तेजी से क्षेत्र में गश्त कर सकेंगे, जिससे नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, सड़क निर्माण ने स्थानीय लोगों में सुरक्षा और शांति की भावना को भी बढ़ाया है, जिससे वे अब अपने भविष्य को लेकर अधिक आश्वस्त हैं।

इस परियोजना को पूरा करने में राज्य और केंद्रीय सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस सड़क निर्माण को विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा, “अरनपुर-जगरगुंडा सड़क का निर्माण हमारे विकास कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे क्षेत्र में विकास की नई राहें खुलेंगी।”

अरनपुर से जगरगुंडा तक की सड़क का निर्माण कार्य पूरा होना छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी यह मील का पत्थर साबित होगी। इस सड़क के माध्यम से अब विकास की नई किरणें क्षेत्र में फैलेंगी और लोगों का जीवनस्तर बेहतर होगा।

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