joharcg.com छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में स्थित एल्यूमिनियम प्लांट में हुए हादसे ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। इस दुखद घटना के बाद ठेकेदार, जनरल मैनेजर (जीएम) समेत कुल छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस हादसे में कई मजदूर घायल हुए, और कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
अंबिकापुर स्थित एल्यूमिनियम प्लांट में काम के दौरान अचानक एक बड़ा हादसा हो गया, जब एक बड़ी मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। इससे प्लांट में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा पर गहरा असर पड़ा। हादसे में कुछ मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राथमिक जांच में पाया गया कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
पुलिस ने इस मामले में ठेकेदार और जीएम समेत कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया कि प्लांट में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सही तरीके से नहीं किया गया था। मजदूरों की सुरक्षा के लिए जो इंतजाम किए जाने चाहिए थे, उनमें लापरवाही बरती गई, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।
मुख्य बिंदु:
- सुरक्षा की अनदेखी: प्राथमिक जांच से पता चला है कि प्लांट में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी, जिसकी वजह से यह बड़ा हादसा हुआ।
- लापरवाही का मामला: ठेकेदार और जीएम पर यह आरोप है कि उन्होंने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त कदम नहीं उठाए थे, जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी।
- कानूनी कार्रवाई: पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों को जल्द ही कानूनी प्रक्रिया के तहत बुलाया जाएगा और उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
यह हादसा न केवल मजदूरों की सुरक्षा के प्रति प्लांट प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि औद्योगिक स्थलों पर कितनी बार सुरक्षा मानकों का सही ढंग से पालन नहीं किया जाता। ऐसे हादसे मजदूरों के जीवन पर गहरा असर डालते हैं और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
घायल मजदूरों को अंबिकापुर के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों ने कुछ की स्थिति गंभीर बताई है और उनका इलाज जारी है। प्रशासन द्वारा घायलों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि प्लांट में काम रोककर दुर्घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।
अंबिकापुर एल्यूमिनियम प्लांट में हुआ यह हादसा गंभीर सवाल खड़े करता है कि औद्योगिक सुरक्षा पर कितना ध्यान दिया जा रहा है। ठेकेदार, जीएम और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से यह साफ हो गया है कि लापरवाही के मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए यह जरूरी है कि ऐसे हादसों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।
फोकस कीवर्ड्स: अंबिकापुर एल्यूमिनियम प्लांट हादसा, ठेकेदार पर एफआईआर, औद्योगिक सुरक्षा, मजदूरों की सुरक्षा, छत्तीसगढ़ दुर्घटना
अंबिकापुर। मां कुदरगढ़ी एल्यूमिनियम प्लांट हादसे में ठेकेदार विपिन मिश्रा और जनरल मैनेजर (जीएम) राजकुमार सिंह समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। रविवार को कोयले का बंकर गिरने से चार मजदूरों की मौत हो गई थी। इस हादसे की प्रमुख वजह बंकर में क्षमता से अधिक लोडिंग मानी जा रही है। यह घटना 8 सितंबर को अंबिकापुर क्षेत्र के शिलसिला गांव में स्थित मां कुदरगढ़ी एल्युमिना बॉक्साइट फैक्ट्री में हुई। हादसे के समय 3 टन क्षमता वाला कोयले का बंकर अचानक नीचे गिर गया, जिससे चार मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद कई मजदूर बंकर के मलबे में दब गए थे, जिन्हें लगभग पांच घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया।
एफआईआर दर्ज
जांच के बाद ठेकेदार विपिन मिश्रा, जीएम राजकुमार सिंह, सुपरवाइजर रंजित चौधरी, प्रोटेक्शन मैनेजर तेज मालानी, ब्रायलर इंचार्ज बीके मिश्रा और राकेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गठित जांच टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री की संवेदना और मुआवजा
मुख्यमंत्री साय ने इस औद्योगिक हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की और जिला प्रशासन को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के आदेश पर कलेक्टर सरगुजा द्वारा जांच दल का गठन किया गया, जिसने एलुमिना प्लांट का निरीक्षण भी किया। प्रत्येक मृतक परिवार को 15 लाख रुपये और घायलों को 3 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।