अतिक्रमण

joharcg.com में अतिक्रमण की समस्या को लेकर प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया है। मंगलवार को नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। प्रशासन ने बुलडोजर का उपयोग करते हुए अवैध रूप से बने निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। यह अभियान शहर के प्रमुख सड़कों और बाजारों में चलाया गया, जहां सड़क किनारे बने अस्थाई दुकानों और झुग्गियों ने यातायात और सामान्य जीवन में अवरोध उत्पन्न कर दिया था।

प्रशासन के अनुसार, यह कार्रवाई शहर में बढ़ते अतिक्रमण की समस्या से निपटने के लिए की गई। लंबे समय से नागरिकों और व्यापारियों द्वारा सड़क पर अवैध कब्जे किए जा रहे थे, जिससे न केवल सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हो रहा था, बल्कि यातायात की समस्या भी उत्पन्न हो रही थी। कई जगहों पर अतिक्रमणकारियों ने गाड़ियों की पार्किंग, सड़क किनारे दुकानों और रिहायशी क्षेत्रों में भी अवैध निर्माण कर लिए थे, जो शहर के सौंदर्य और सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रहे थे।

इस अभियान के दौरान, प्रशासन ने सभी अतिक्रमणकारियों को पहले से नोटिस भेजे थे, ताकि वे खुद अपने निर्माण हटा सकें। हालांकि, कई लोग बिना कानूनी अनुमति के बने अपने संरचनाओं को हटाने से इनकार कर रहे थे, जिसके कारण प्रशासन को बुलडोजर का सहारा लेना पड़ा।

प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद नागरिकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया, क्योंकि इससे शहर की सड़कें खाली और सुरक्षित हो सकेंगी, वहीं कुछ व्यापारियों ने इसे अपनी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कदम बताया। प्रशासन ने कहा कि यह कार्रवाई केवल अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ है और भविष्य में इस तरह की कार्रवाइयाँ नियमित रूप से की जाएंगी।

साथ ही, प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है, ताकि लोग अवैध निर्माण से बचें और कानून का पालन करें।

कोरबा। शहर में चौपाटी को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। नगर निगम ने नियमों का उल्लंघन कर रहे ठेले-खोमचे वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन ठेलों पर जेसीबी चला दी, जिससे हंगामा मच गया। नगर निगम ने ओपन थिएटर ग्राउंड के पास गढ़केलवा इलाके में एक व्यवस्थित चौपाटी तैयार की थी, जहां ठेले-खोमचे वालों को बिजली, पानी सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई थीं।

इसके बावजूद कई व्यापारियों ने वहां जाने से इनकार कर दिया और खुले मैदान में ही ठेले लगाने लगे। इस पर नगर निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए कि यदि चौपाटी का संचालन करना है तो निर्धारित स्थान पर ही किया जाए, अन्यथा अवैध ठेले हटा दिए जाएंगे। आदेश के पालन में अधिकांश ठेले व्यवस्थित चौपाटी में चले गए, लेकिन कुछ ठेलेवाले पुराने स्थान पर ही डटे रहे।

जब इन नियमों का पालन नहीं हुआ, तो नगर निगम ने जेसीबी बुलाकर ठेलों और गुमटियों को हटा दिया। इस कार्रवाई से व्यापारियों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
व्यापारियों का आरोप था कि नई जगह ग्राहक नहीं आ रहे, जिससे उनके व्यवसाय को नुकसान हो रहा है। उन्होंने निगम की कार्रवाई को तानाशाही करार देते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी। नगर निगम का कहना है कि शहर की सुंदरता और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अतिक्रमण हटाना आवश्यक है। अधिकारियों ने साफ कर दिया कि ओपन थिएटर ग्राउंड में अब कोई भी ठेला नहीं लगाने दिया जाएगा और यदि किसी ने दोबारा वहां ठेला लगाया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस विवाद के चलते व्यापारियों और प्रशासन के बीच तनाव बना हुआ है। जहां व्यापारी अपने हक की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं, वहीं प्रशासन शहर को व्यवस्थित रखने के अपने फैसले पर अडिग है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का कोई समाधान निकलता है या टकराव और बढ़ता है।

Bhaiyalal Rajwade Archives – JoharCG