आत्मसमर्पित नक्सलियों

joharcg.com छत्तीसगढ़ के वन मंत्री विष्णु देव साय ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए पुनर्वास नीति के तहत आवास प्रदान किए जाएंगे। इस नीति का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देना है, और इसके तहत सरकार ऐसे परिवारों को आवास, सुरक्षा, और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी जो नक्सलवाद से प्रभावित हुए हैं।

विष्णु देव साय ने कहा, “हमारे राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और उनके परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत नया जीवन शुरू करने का अवसर मिलेगा। हम इन परिवारों को समाज में एक नई शुरुआत देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस पहल के तहत, नक्सल प्रभावित इलाकों में बसे ऐसे परिवारों को राज्य सरकार की ओर से घर, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज में पुनः स्थापित करने के लिए उनकी मानसिक स्थिति और कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

यह कदम न केवल राज्य सरकार की शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह उन परिवारों के लिए भी एक नई उम्मीद का अवसर लेकर आएगा जो अब तक नक्सलवाद से त्रस्त थे।

सरकार का उद्देश्य इन परिवारों को मुख्यधारा में लाकर उन्हें समाज में समान दर्जा और अवसर प्रदान करना है, जिससे वे बेहतर जीवन जी सकें और समाज के लिए योगदान कर सकें।

रायपुर 30 नवंबर 2024/ छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति हेतु निवेदन किया था परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।

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