joharcg.com दुर्ग । शिवनाथ नदी के कैचमेंट एरिया में विगत दिनों से हो रही बारिश तथा मोंगरा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट के ऊपर 04 फीट पानी बह रहा है। विगत दिनों की तुलना में तांदुला नदी, खरखरा नदी व शिवनाथ के अन्य सहायक नालों में जल की स्थिति को देखते हुए अभी भी लोगों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
यह महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिला के गोडरी गांव से निकलकर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के अम्बागढ़ में प्रवेश करते हुए शिवरीनारायण (जिला जांजगीर चांपा) के पास महानदी में मिल जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ लीलागर, मनियारी, आगर, हांप, खारून, अरपा, आमनेर, सकरी, खरखरा, तांदुला तथा जमुनिया नदी आदि हैं। इसकी कुल लम्बाई 290 किमी है। प्रसिद्ध मोंगरा महमरा एनीकट के ऊपर 4 फीट पानी बैराज परियोजना राजनांदगांव में शिवनाथ नदी पर संचालित है।
मुंगेली जिला में शिवनाथ नदी के बीच में दो टापू हैं जिन्हें मदकू द्वीप तथा ठेलकी द्वीप के नाम से जाना जाता है। मदकू द्वीप में वर्ष 2011 में हुए उत्खनन में 11वीं 12वीं शताब्दी के कलचुरी कालीन मंदिर प्राप्त हुए हैं जिसमें 11 स्मार्त लिंग भी है जो की पूरे भारतवर्ष में बहुत कम संख्या में पाया जाता है।
नदी के कुछ भागों में सिर्फ वर्षा के समय ही नावें चलती हैं। और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फरवरी तक नावें चलती हैं। हाल के वर्षों में नदी में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है।