Yamuna got life

Joharcg.com अक्सर मोतियाबिंद वयोवृद्ध लोगो में पाया जाता है परंतु कुछ मामलों में मोतियाबिंद की शिकायत जन्म से ही नवजात शिशु की आंखों में देखा जाता है। इन बच्चों के सामने पूरा जीवन एक इन बीमारियों के साथ व्यतित करना पड़ता है। ऐसे ही फरसगांव विकासखण्ड के आलीबेड़ा गांव के एक परिवार की तीन बेटीयों में जन्म से ही विलक्षण जन्मजात मोतियाबिंद की शिकायत पाई गई थी। तीनों बहनें इस बीमारी के कारण जन्म से ही देखने में असक्षम थीं। जिसे देखते हुए सीएमएचओ डॉ0 टीआर कुंवर के निर्देश पर तीनों बहनों को जिला अस्पताल में नेत्र की जांच कर उपचार हेतु लाया गया। तीनों बहनों में से दो बड़ी बहनों वंदना मरकाम एवं सविना मरकाम की उम्र क्रमशः 17 वर्ष एवं 14 वर्ष थी। जिससे इनका ईलाज विगत माह में नेत्र सर्जन डॉ0 कल्पना मीणा के द्वारा आसानी से सफलतापूर्वक सम्पन्न कर लिया गया था। परंतु सबसे कम 10 वर्ष की यमुना मरकाम की आयु कम होने के कारण उनके ईलाज में जटिलताएं आ रही थीं। ऐसे में नेत्र सर्जन के नेतृत्व में डॉक्टरों के दल द्वारा यमुना के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर सामान्य निश्चेतना के द्वारा ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। जिसके पश्चात् नेत्र सर्जन सहित नेत्र विशेषज्ञ सोनू सेठी, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ0 राहुल तिवारी, डॉ0 अनिल देवांगन एवं नेत्र सहायक अधिकारी अनिल वैध, अशोक कश्यप, स्टॉफ नर्स नंदा शील, आरती महानंद, अभिलाषा मरकाम, परमेश्वर साहू, पिंकी साहू द्वारा ऑपरेशन में सहयोग किया गया।

ज्ञात हो कि पूर्व में जिले में उत्कृष्ट अत्याधुनिक उपकरणों के न होने के कारण इस प्रकार के जटिल उपचारों हेतु सदैव उच्च संस्थानों को ऐसे प्रकरणों को रेफर कर दिया जाता था। परंतु जिला प्रशासन की सहायता से नवीन अत्याधुनिक उपकरणों के आ जाने एवं नेत्र सर्जन तथा नेत्र विशेषज्ञों की नियुक्ति के बाद अब नेत्र संबंधी जटिल रोगों का ईलाज भी जिला अस्पताल में संभव हो रहा है। जिससे उपचार हेतु लोगों को अन्य जिलों अथवा दूसरे राज्यों पर ईलाज हेतु निर्भर नहीं रहना पड़ता। जुलाई 2021 में कोरोना संकट के हटने के बाद चलाये गये मोतियाबिंद मुक्त कोण्डागांव अभियान के तहत् सभी विकासखण्डों के 606 मोतियाबिंद के मरीजों का उपचार जिला अस्पताल में लाकर किया जा चुका है।

जिले में 14 से 20 नवम्बर तक मनाया जा रहा है बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह
जिले में 14 से 20 नवम्बर तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके तहत् सभी विकासखण्डों के नेत्र सहायक अधिकारियों द्वारा स्कूलों में जाकर बच्चों का नेत्र परीक्षण किया जा रहा है। जिसमें नेत्र संबंधी विकारों की जांच कर सम्भव ईलाज तुरंत प्रदान किया जा रहा है साथ ही दृष्टि दोष पाये जाने पर उन्हें निःशुल्क चश्मा प्रदान किया जायेगा।