Baba Bhairav Nath Ji
Baba Bhairav Nath Ji छत्तीसगढ़ में पौराणिक नगरी रतनपुर में आदिशक्ति महामाया कौमारी शक्तिपीठ के रूप में विराजमान है वही उनके रक्षक भैरव नाथ का प्रवेश द्वार पर मंदिर स्तिथ है | यह मंदिर सिद्ध तंत्र पीठ श्री काल भैरव मंदिर से विख्यात है | यह बिलासपुर रतनपुर मार्ग में दाहिनी तरफ है | हजारो भक्त भैरव के दर्शन करने और अभीष्ट कामना की पूरी करने आते है | लगभग 1000 वर्ष प्राचीन महामाया देवी का दिव्य एवं भव्य मंदिर दर्शनीय हैं। इसका निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा 11वी शताब्दी में कराया गया था।
यह मूर्ति पहले खुले चबूतरे पर विराजित थी , बाद में मंदिर का निर्माण बाबा ज्ञानगिरी गोसाई ने करवाया | मंदिर में लगी प्रतिमा कब से है , इसकी कोई जानकारी किसी के पास नही है | ऐसा माना जाता है जब सती का दाहिना स्कंद यहा गिरा तब ही भैरव मूर्ति रक्षक बन यहा स्थापित हो गयी होगी | यहा दर्शन करने के बाद ही कौमारी शक्तिपीठ के दर्शन पूर्ण माने जाते है |
इस मंदिर में स्थापित मूर्ति 10 फीट ऊंचाई की है जो रौद्र रूप में है | यह रौद्र रूप दुष्टों के लिए और अपने भक्तो की सुरक्षा के लिए है | 20 भुजाओ में विभिन्न आयुध है और प्रतिमा बहुत सारे अलंकरणों से सज्जी हुई है | यहा का सभाग्रह छोटा और संकरा है | यह प्रतीक है की यहा प्राचीन काल में सिद्ध योगी , तांत्रिक साधना करने आते होंगे |
दर्शन का फल :
शक्तिपीठ दर्शन के बाद भैरव के दर्शन करने से शिव पार्वती की अपार कृपा
की प्राप्ति होगी है | मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर होते है | आपकी प्राथनाए
विफल नही जाती | जादू मंत्र , भुत प्रेत दोष दूर होते है |
कई सामाजिक कार्यक्रम
इस मंदिर में भैरव जयंती (कालाष्टमी ) और अन्य भैरव पूजा के दिन में कई सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम करवाए जाते है | यहा पूजा पाठ हवन यज्ञ का कार्य चलता ही रहता है | यहा जनकल्याण के कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाती है | पिछले 10 वर्षो से भैरव जन्मोत्सव पर सामूहिक विवाह करवाए जा रहे है | साथ ही निशुल्क स्वास्थ्य परिक्षण चिकित्सक द्वारा समय समय पर होता रहता है |
क्यों भैरव जी की सवारी या वाहन एक कुत्ता (कुकुर ) है-
क्यों भैरव ने कुत्ते (स्वान) को ही अपना वाहन (सवारी ) चुना ? स्वान को हिन्दू देवता भैरव महाराज का सेवक और वाहन माना जाता है। सभी भैरव मन्दिरों में और उनकी फोटो में भैरव बाबा के साथ कुकुर के भी दर्शन होते है | भैरव मंदिर के करीब दिखने वाले कुत्तो की सेवा से काल भैरव अत्यंत प्रसन्न होते है और हर तरह के आकस्मिक संकटों से वे भक्त की रक्षा करते हैं। यह भी बहुत बारे देखा गया है की भैरव मंदिरों में बहुत सारे कुकुर होते है जो भैरव भक्तो के साथ प्रेम भाव रखते है | मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न और सेवा से यमदूत और बुरी आत्माए आपसी दूर रहेगी | काशी के काल भैरव मंदिर में एक चमत्कार हुआ था , वो चमत्कार भैरव की सवारी कुत्ते से ही जुड़ा था | मुगलों की सेना ने जब उस मंदिर को धवस्त करने के लिए रुख किया तो सैकड़ो कुत्तो ने उनपर हमला कर दिया था |
कुकुर के गुण
कुत्ता (स्वान) एक रहस्यमयी प्राणी है। यह कुशाग्र बुद्धि और रहस्यों को जानने वाला जीव है । यह स्वामी भक्ति और रक्षा करने वाला है | हमने यह तो कभी नही सुना की भैरव कुकुर के ऊपर विराजमान है पर यह जीव हमेशा उनके साथ दिखाई देता है | कुत्ता ईथर माध्यम (सूक्ष्म जगत) की आत्माओं को देखने की क्षमता रखता है। और भैरव तो समस्त भुत प्रेतों आत्माओ की सबसे बड़ी सत्ता है | कुत्ता कई किलोमीटर तक की गंध सूंघ सकता है।
शनि को भी प्रिय है कुत्ता
ऐसी भी मान्यता है की यदि आप शनि की साढ़े साती या ढैय्या से दुखी है तो इसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए यह उपाय प्रभावी है | शनिवार के दिन एक रोटी में तेल लगाकर उसे आप काले कुत्ते की खिलाये | ऐसा करने से भगवान शनि प्रसन्न होंगे |
घर में बनी रोटी में भी एक भाग कुत्ते का
प्राय हमारे बुजुर्ग हमेशा सलाह देते है की घर में बनी रोटी तीन जीवो के लिए भी जरुर निकालनी चाहिए | एक रोटी गाय की , एक कुत्ते की और एक कौवे की | इसका कारण है हमारे पितृ देवी देवता | हमें नही पता की वे किस योनी में है किस रूप में है | यदि वे सात्विक रूप में है तो हम गाय की रोटी , राजसिक रूप में है तो कुत्ते की रोटी और यदि वे तामसिक रूप में है तो हम कौवे की रोटी निकालते है |
ग्रहों में केतु :
कुत्ते को ग्रहों मै केतु कहा गया हैं, केतु जीवन मै क्या शुभ और क्या अशुभ करेगा यह भी कुत्ते के प्रति हमारी निष्ठा पर निर्भर करता है |
कैसे करे कुत्ते की सेवा
भैरव के प्रिय काले रंग के कुत्ते की सेवा से आप बाबा को प्रसन्न कर सकते है | रविवार और मंगलवार कुत्ते की जरुर सेवा करनी चाहिए । यदि कुत्ता काले रंग का हो तो पूजा का माहात्म्य और बढ़ जाता है। कुत्ते को दूध , जलेबी , बिस्कुट खिलाये | सुबह और शाम कुत्ते को एक रोटी जरुर दे | इससे राहु , शनि और भैरव प्रसन्न होते है और घर पर आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है |