बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत की गई कार्यवाई
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दो नाबालिग कन्याओं के विवाह पर रोक की कार्रवाई की है। इन कन्याओं का जांजगीर-चांपा जिले में 27 जून को विवाह होना था।
बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होने पर तत्काल जिला महिला बाल विकास विभाग की टीम पुलिस विभाग से समन्वय कर नाबालिक कन्याओं के घर पहुंची। दोनों कन्याएं एक ही घर की थीं। इन बालिकाओं की अंकसूची जांच में बलिकाएं नाबालिक पाई गई। दोनों बालिकाओं सहित उनके माता-पिता और स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। समझाईश के पश्चात सरपंच और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिकाओं के माता-पिता ने विवाह रोकने की सहमति दी। महिला बाल विकास की टीम में विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस सहित चाइल्ड लाइन के कर्मचारी शामिल थे ।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह कराने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार और विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाती है। अधिनियम के तहत 02 वर्ष का कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख रूपये के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।