रायपुर । मुख्यमंत्री के गोधन न्याय योजना शुरू करने की योजना का कांग्रेस ने स्वागत किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार देश में गोधन प्रबंधन के दिशा में काम करने वाली पहली सरकार है। गोधन न्याय योजना शुरू होने से छत्तीसगढ़ के पशुपालकों को पशुओं के लालन-पालन में आड़े आने वाली आर्थिक समस्या से छुटकारा मिलेगा। ग्रामीण अंचलों में रोजगार भी मिलेगा दुधारू पशु एवं पशुधन के नस्ल सुधार को गति मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के किसानों को फसल की गुणवत्ता सुधारने सस्ती एवं अच्छी प्रचुर मात्रा जैविक खाद पर्याप्त मात्रा में मिलेंगे। हर्बल खेती को बढ़ावा मिलेगा। रसायनिक उर्वरकों के कारण क्षीण हो रही जमीन की उर्वरा शक्ति गोबर निर्मित जैविक खाद से रिचार्ज होंगे। आवारा घूमने वाले पशुओं पर भी अंकुश लगेगा गौठानों में बेहतर तरीके से देखभाल होगी पशुपालकों को अब पशुओं के गोबर बेचने से भी आर्थिक मुनाफा होगा। पशुधन को चारा पानी दवाई सुरक्षा और संरक्षण सब कुछ मिलेगा। गोबर से बने वर्मी कंपोस्ट को किसानों को मिलेगा ही. वर्मीखाद का इस्तेमाल वन विभाग और उद्यानिकी विभाग में भी किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि गोधन न्याय योजना शुरु होने से छत्तीसगढ़ के 20 हजार गांवों में विलुप्त होने की कगार पर खड़ी गोधूलि बेला के वक्त बजने वाली पशुधन के गले में बंधी घंटी की आवाज अब तेज होगी। आर्थिक तंगी और पशुधन के लालन-पालन में असमर्थता के चलते मजबूरी वश पशुधन प्रेमी पशुओं से दूर होते।किसान मजदूर अब बेफिक्र होकर पशुधन के संरक्षण लालन-पालन के कार्य में जुटें। छत्तीसगढ़ में नरवा गरवा घुरवा बारी योजना के तहत 2200 से अधिक गौठनां का निर्माण हो चुका है। गोठनो के देखभाल के लिए प्रति माह 10 हजार रू. की राशि दी जा रही है। गौठानों में पशुओं के लिए चारा पानी दवाई के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। बीते साल फसल कटाई के बाद किसानों ने गौठानों में पैरा दान किए थे।गोधन न्याय योजना शुरू होने से पशु तस्करी और कत्लखाना बंद होंगे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के माध्यम से ना सिर्फ किसानों और पशुपालकों की समृद्धि जुड़ी हुई है बल्कि महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों को दीया, गमला निर्माण, सब्जी, मसाला, खाद उत्पादन, मछली पालन जैसे अन्य कार्यक्रमों से जोड़कर आर्थिक रूप से समृद्ध बनने का अवसर उपलब्ध कराया गया है। गौठान में पशुओं को न सिर्फ सुरक्षित रखने की व्यवस्था है, बल्कि गौठान समिति के माध्यम से रचनात्मक कार्य और आर्थिक गतिविधिया भी संचालित किए जा रहे हैं।
गोबर खाद और कंपोस्ट के द्वारा खाद बनाकर कृषि, फल और सब्जी उत्पादकों को सहायता पहुंचाई जा रही है। गोबर खाद, कंपोस्ट और वर्मी खाद से प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिल रहा है और रासायनिक उर्वरकों की निर्भरता में कमी आ रही है! विगत अठारह महीनों में प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार द्वारा किसानों की कर्जामाफी और 2500 रु. प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य देने के बाद गोठानों के माध्यम से जैविक खाद की भरपूर उपलब्धता छत्तीसगढ़ के किसान की समृद्धि के लिए एक और बड़ा कदम है।

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