स्कूल से पालकों को दिया जाएगा सूखा राशन
जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण काल में ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना का सूखा राशन वितरित किया जाएगा। सूखा राशन का वितरण बच्चों के पालकों को स्कूल में बुलाकर दिया जाएगा। संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जिले वर्तमान परिस्थतियों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित सूखी सामग्री का वितरण यथा शीघ्र सुनिश्चित कराएं।
जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिए जाने का निर्देश दिया गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव और उसे फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने स्कूल को आगामी आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया है। ऐसी स्थिति में बच्चों को गर्म पका भोजन नहीं दिया जा सकता। खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल और कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक सामग्री जैसे- दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित की जानी है।
जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सूखा राशन सामग्री का वितरण सुविधा अनुसार स्कूलों में अथवा घर-घर पहुंचाकर किया जाए। वितरण के दौरान बच्चों या पलकों के मध्य सामाजिक दूरी को बनाएं रखा जाए। सूखा राशन वितरण में बच्चों को चावल, दाल एवं तेल की मात्रा केन्द्र द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नहीं होनी चाहिए। बच्चों को प्रदाय किए जाने वाली सामग्रियों को पृथक-पृथक सील बंद पैकेट बनाकर प्रति छात्र सभी सामग्रियों का एक बड़ा पैकेट बनाया जाए। वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्रियां उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सामग्रियों की पैकिंग के पूर्व और पैकिंग के बाद फोटोग्राफ लिए जाए। सामग्री वितरण के लिए प्रति छात्र शासन द्वारा निर्धारित कुंिकंग कास्ट ही प्रदाय की जाए।
प्राथमिक स्कूलों में 45 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 4500 ग्राम, दाल 900 ग्राम, आचार 300 ग्राम, सोयाबड़ी 450 ग्राम, तेल 225 ग्राम और नमक 250 ग्राम प्रदाय किया जाना है। इसी प्रकार माध्यमिक स्कूलों में 45 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 6750 ग्राम, दाल 1350 ग्राम, आचार 450 ग्राम, सोयाबड़ी 675 ग्राम, तेल 350 ग्राम और नमक 375 ग्राम प्रदाय किया जाए। स्कूलों के लिए चावल पूर्व की तरह ही उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से प्रदाय किया जाएगा। वितरण कार्य पूर्ण होने के तत्काल पश्चात् लाभार्थियों की जानकारी मध्यान्ह भोजन योजना के राज्य सॉफ्टवेयर में प्रविष्ट की जाए।