रायपुर/सूरजपुर लॉकडाउन के चलते एक ओर जहां ग्रामीणों और श्रमिकों के बीच रोजगार का संकट गहरा गया था। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के विशेष प्रयासों और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से संकट से जूझते लोगों के लिए मनरेगा संजीवनी साबित हुआ। तो वनमंत्री मो.अकबर की तत्परता और विशेष पहल से आज 20 मई से सूरजपुर जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य भी शुरू होने वाला है। लॉकडाउन के बीच ग्रामीणों के लिए यह रोजगार के नया अवसर है। इससे आय के स्रोत बढऩे के साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण में तेजी आएगी। वनमंत्री की इस पहल को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खासे उत्साहित हैं। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण ग्रामीण आजीविका संवर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम है। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को नकद रकम मिलती है और बोनस भी मिलता है। प्रतापपुर रेंज में 20 मई से शुरू होने वाले वनोंपज तेंदूपत्ता का संग्रहण कार्य की खबर किसानों और मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है।
हालांकि इस बार लॉकडाउन के चलते इस कार्य के शुरू होने में देरी हुई है, जिससे इन परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। लेकिन अब ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू होने से खासे उत्साहित हैं। आपको बता दें कि बता दें 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरे की दर पर छत्तीसगढ़ सरकार तेंदूपत्ते की खरीदी करता है। तेंदूपत्ता से बीड़ी का निर्माण किया जाता है. सूरजपुर जिले का प्रतापपुर रेंज प्राकृतिक रूप से वनों से आच्छादित क्षेत्र है। यहां के जंगलों में तेंदूपत्ता भारी मात्रा में पाया जाता है, जिससे ग्रामीणों को भी संग्रहण में आसानी होती है। वहीं वन विभाग की ओर से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप इसकी खरीदी की जाती है।