इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से बी.टेक.
(खाद्य प्रौद्योगिकी) का नवीन चार वर्षीय स्नातक (आठ सेमेस्टर) पाठ्यक्रम
प्रारंभ किया जा रहा है। इस नवीन पाठ्यक्रम में अभ्यर्थियों को जे.ई.ई
मैन्स 2020 की प्रावीण्यता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके पश्चात
रिक्त सीटों पर द्वितीय क्रम में पीईटी 2020 की प्रावीण्यता के आधार पर
प्रवेश दिया जाएगा। इसके पश्चात भी सीटें रिक्त होने पर अभ्यर्थियों को
पीएटी 2020 (भौतिक, रसायन, गणित एवं अंगेजी विषय से 12वीं उत्तीर्ण) की
प्रावीण्यता के आधार पर तृतीय एवं अंतिम क्रम में प्रवेश दिया जाएगा। इस
पाठ्यक्रम के लिए शिक्षण शुल्क 1,000 रूपये प्रति सेमेस्टर होगा तथा अन्य
सभी शुल्क बी.टेक कृषि अभियांत्रिकी के अनुसार लिए जाएंगे।
बी.टेक. (खाद्य प्रौद्योगिकी) में प्रवेश के लिए वे अभ्यर्थी पात्र होंगे
जो भारत के नागरिक तथा छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हों और जिसने 10$2 कक्षा की
परीक्षा भौतिक, रसायन, गणित एवं अग्रेजी विषय से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा
मंडल अथवा सेन्ट्रल बोर्ड आफ सेकेन्ड्ररी एजुकेशन (सीबीएसई.) या काउन्सिल
फाॅर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन, या छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत
एवं मान्यता प्राप्त अन्य राज्य बोर्ड या छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत एवं
मान्यता प्राप्त छत्तीसगढ़ ओपन स्कूल परीक्षा से उत्तीर्ण की हो। इस
पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा में वे अभ्यर्थी भी सम्मिलित हो सकते हैं, जो
इस वर्ष 2020 में 10$2 की 12वीं कक्षा में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल
अथवा सेन्ट्रल बोर्ड आॅफ सेकेन्ड्ररी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) अथवा छत्तीसगढ़
शासन द्वारा अधिकृत एवं मान्यता प्राप्त परीक्षा में भौतिक, रसायन, गणित
एवं अंग्रेजी विषय सहित सम्मिलित हो चुके हैं या होने वाले हैं। किन्तु इन
अभ्यर्थियों का उपरोक्त पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए चयन तभी मान्य होगा जब
वे प्रवेश के समय अर्हकारी 10$2 वर्ष 2020 से 12 वी. कक्षा की परीक्षा
उपरोक्त बोर्ड से उत्तीर्ण होने की मूल अंकसूची प्रस्तुत करेंगे। एसे आवेदक
जो वर्ष 2020 की 10$2 के मुख्य अर्हकारी परीक्षा में उत्र्तीण न होकर बाद
की किसी परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं वे प्रवेश के पात्र नहीं होंगे। इस
पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए न्यूनतम अंक सीमा 10$2 की 12 कक्षा के आधार पर
सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत अंक एवं अनुसूचित
जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमिलियर को छोड़कर) के
छात्रों हेतु न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक निर्धारित की गई है।