00 ’’राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’
जगदलपुर (वीएनएस)। कृषि क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि प्राप्ति के लिये प्रमाणित बीज, जैव उर्वरक, सूक्ष्म तथा पौध संरक्षण रसायन एवं नवीनतम उत्पादन तकनीक का अधिकतम उपयोग महत्वपूर्ण बिन्दू है। सभी कार्यो के लिये कृषि क्षेत्र में निवेश वृद्धि आवश्यक है। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा ’’राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’ प्रारंभ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत चिन्हांकित फसलों का उत्पादन करने वाले पंजीकृत कृषकों को ’’प्रत्येक्ष लाभ हस्तातंरण’’ (डी.बी.टी.) के माध्यम से राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, मक्का, अरहर, मूंग, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली एवं सोयाबीन तथा रबी मौसम में गन्ना फसल को सम्मिलित किया गया है। इस योजना को आंशिक रूप से वर्ष 2019-20 से भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया गया है, जिसके अन्तर्गत खरीफ 2019 में धान एवं मक्का फसल लगाने वाले पंजीकृत कृषकों को अधिकतम राशि दस हजार प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि किस्तों में डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान की जाएगी। खरीफ 2020 से योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु कृषकों को 01 जून से 30 सितम्बर के मध्य नवीन पोर्टल में पंजीयन कराना होगा। इस हेतु निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा पटवारी को उपलब्ध करानी होगी ताकि कृषि एवं राजस्व विभाग के द्वारा संयुक्त गिरदावरी कर पंजीकृत रकबे का सत्यापन कर पोर्टल में प्रविष्टी की जा सके। कृषक द्वारा प्रपत्र आवेदन में प्रतिवेदित रकबे तथा वास्तविक बोये गए रकबे में विसंगति होती है तो इस स्थिति में संयुक्त प्रतिवेदन के आधार पर पाये गए वास्तविक रकबे का ही इन्द्राज पोर्टल में किया जाएगा। इसी आधार पर आदान सहायता राशि का भुगतान किया जाएगा। आदान सहायता राशि का निर्धारण मंत्री-मण्डलीय समिति द्वारा प्रतिवर्ष किया जाएगा।
फसल विविधिकरण को बढ़ावा देकर दलहनी एवं तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने राज्य शासन ने इस योजना में यह भी प्रावधान किया है कि ऐसे कृषक जिन्होंनें पिछले खरीफ मौसम धान की फसल ली थी किन्तु इस वर्ष अन्य फसल लेना चाहते हैं तो उन्हें प्रोत्साहित करने राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों से विभाग ने अनुरोध है कि योजना अन्तर्गत अनुदान सहायता प्राप्त करने राजस्व, कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर उनकी सहायता से आवेदन पत्र भरकर निर्धारित समय सीमा के पूर्व उपलब्ध करा सकते हैं, ताकि सीमा में विभागीय पोर्टल में आवेदन पंजीकृत कर प्रवीष्ट किया जा सके।

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