32 हजार से अधिक श्रमिकों को सकुशल वापसी
थर्मल स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद भेजे जा रहे हैं क्वारेंटीन सेंटर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री
डॉ. शिवकुमार डहरिया के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़
से बाहर देश के अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों लगभग 32 हजार 11 श्रमिकों
को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया गया है। प्रशासन द्वारा फिजिकल डिस्टेंस का
पालन करते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। श्रमिकों को क्वॉरेंटीन सेंटर ले
जाने के लिए बसें तैयार की गई हैं। संबंधित गांवों में उन्हें क्वारेंटीन
पर रखने की तैयारी भी कर ली गई है। राज्य शासन द्वारा इन श्रमिकों को वाहन
एवं अन्य माध्यमों से छत्तीसगढ़ लाया गया। प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य की
जांच थर्मल स्कैनिंग के जरिये की जा रही है। ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का
सैम्पल लिया जा रहा है जिन्हें सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत है। वाहन
एवं अन्य माध्यमों से आये इन श्रमिकों को उनके गतव्य तक पहुंचाने के लिए
संबंधित जिलों तक बसों की व्यवस्था की गई है। बसों को भी सैनेटाइज किया गया
है और उनमें 20-22 यात्रियों को ही ले जाया जा रहा है, ताकि फिजिकल
डिस्टेंसिंग बनी रहे।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि देश के 21 राज्यों एवं 4
केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के
श्रमिकों को सकुशल गृह राज्य लाया जा रहा है। इनमें महासमुंद जिले के 2
हजार 986 श्रमिक, बलौदाबाजार के 634 श्रमिक, गरियाबंद जिले के 140 श्रमिक,
धमतरी के 33 श्रमिक, बिलासपुर के 5 हजार 286 श्रमिक और मुंगेली जिले के 4
हजार 581 श्रमिकों को वाहन एवं अन्य माध्यमों से सकुशल छत्तीसगढ़ लाया गया
है। इसी प्रकार कोरबा जिले के तीन श्रमिक, जांजगीर-चापा के 651 श्रमिक,
रायगढ़ के 2 हजार 958 श्रमिक, कबीरधाम (कर्वाधा) के 192 श्रमिक, बेमेतरा के
एक हजार 290 श्रमिक, दुर्ग के 461 श्रमिक, बालोद जिले के एक हजार 209
श्रमिक और राजनांदगांव जिले के 5 हजार 857 श्रमिकों को सकुशल निवास राज्य
लाया गया है। इसी तरह बलरामपुर जिले के 182 श्रमिक, सूरजपुर के 238 श्रमिक,
जशपुर के 75 श्रमिक, कांकेर एवं नरायणपुर के 6-6 श्रमिक, कोण्डागांवा के
151 श्रमिक, जगदलपुर (बस्तर) के 194 श्रमिक, दंतेवाड़ा के एक हजार 798
श्रमिक, बीजापुर के 2 हजार 485 श्रमिक और सुकमा जिले के 601 श्रमिकों को
सकुशल छत्तीसगढ़ लाया गया है।