joharcg.com विगत दिवस दिनांक 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत कार्यरत स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए एकीकृत ब्रांड “सूरजधारा” का शुभारंभ किया गया। इस ब्रांड का लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयाल दास बघेल द्वारा किया गया।
ब्रांड लॉन्च होने के साथ ही अब सूरजपुर जिले के विभिन्न विकासखंडों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार सभी सामग्रियों का विक्रय “सूरजधारा” नाम से किया जाएगा। उत्पादों को समूहों द्वारा सूरजपुर सेफ फूड प्रोड्यूसर कंपनी को उपलब्ध कराया जाएगा, जहां उनका गुणवत्ता परीक्षण कर ब्रांड के नाम से पैकेजिंग की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर समूहों द्वारा निर्मित सामग्रियों को स्थानीय नागरिकों तक पहुँचाने की यह पहल “वोकल फॉर लोकल” की भावना को सुदृढ़ करती है। इसके माध्यम से लोगों को रसायन रहित, जैविक विधि से उत्पादित खाद्य सामग्री उपलब्ध होंगी, साथ ही स्वयं सहायता समूहों की आय में भी वृद्धि होगी।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बिजेंद्र सिंह पाटले, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रभारी अधिकारी विक्रम बहादुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरनारायण खोटेल, जनपद पंचायत परियोजना प्रबंधक माधुरी भंडारी, सी-मार्ट कर्मचारी, कैडर तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आज ‘सूरजधारा’ नामक नए ब्रांड की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। इस पहल के तहत जंगलों, पहाड़ों और ग्रामीण अंचलों में रहने वाले आदिवासी परिवारों द्वारा तैयार किए गए शुद्ध, प्राकृतिक और स्थानीय उत्पाद अब एक संगठित ब्रांड के रूप में आम लोगों तक पहुंचाए जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने बताया कि ‘सूरजधारा’ ब्रांड के तहत महुआ, तिल, कोदो-कुटकी, रागी, शहद, हर्रा-बहेरा, लाख, तरह–तरह की वनौषधियां, हस्तशिल्प तथा अन्य पारंपरिक उत्पादों की पैकेजिंग, प्रसंस्करण और मार्केटिंग आधुनिक तरीके से की जाएगी। इससे न केवल उत्पादों की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि उचित दाम मिलने से आदिवासी परिवारों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जनजातीय समाज के नेताओं, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और युवा उद्यमियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। मंच से वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समुदाय प्रकृति के सबसे बड़े संरक्षक हैं। उनके पारंपरिक ज्ञान, जैव विविधता की समझ और प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपयोग की संस्कृति को संरक्षित और संजोकर रखने की आवश्यकता है। ‘सूरजधारा’ जैसे ब्रांड इसी दिशा में एक सशक्त कदम साबित हो सकते हैं।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि ब्रांड के सफल संचालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिनमें आदिवासी महिलाओं और युवाओं को पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांडिंग, ऑनलाइन बिक्री और वित्तीय प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, सरकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें आसान ऋण, तकनीकी सहायता और बाजार से सीधा संपर्क भी उपलब्ध कराया जाएगा।
‘सूरजधारा’ के लोगो और पैकेजिंग डिज़ाइन में स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक कला और प्रकृति से जुड़ी प्रतीकों को विशेष रूप से स्थान दिया गया है, ताकि खरीदारों को यह स्पष्ट संदेश मिले कि वे न सिर्फ एक उत्पाद खरीद रहे हैं, बल्कि आदिवासी पहचान और स्वाभिमान का समर्थन भी कर रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में जनजातीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और गीतों की प्रस्तुति देकर जनजातीय गौरव दिवस और ‘सूरजधारा’ की शुरुआत को उत्सव में बदल दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में यह ब्रांड आदिवासी उत्पादों का पर्याय बनकर उभरेगा और स्थानीय से राष्ट्रीय, तथा राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा।

