joharcg.com राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति को मजबूत किए बिना समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है।
मंत्री देवांगन ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इनमें कुपोषण उन्मूलन से लेकर महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन तक कई पहल शामिल हैं। पोषण अभियान, आंगनबाड़ी सेवाएँ, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम निरंतर जारी है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार विभिन्न प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता योजनाएँ लागू कर रही है। खासकर ग्रामीण अंचलों में महिला स्व-सहायता समूहों को उत्पादकता और विपणन में सहयोग दिया जा रहा है। इससे महिलाएँ न सिर्फ आत्मनिर्भर हो रही हैं बल्कि परिवार और समाज में उनका सम्मान भी बढ़ रहा है।
बच्चों के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार विशेष रूप से कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पौष्टिक आहार, प्री-स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर बालिकाओं की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

मंत्री देवांगन ने कहा कि सरकार की मंशा सिर्फ योजनाओं को लागू करना नहीं, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से समाज में वास्तविक परिवर्तन लाना है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि जब महिलाएँ आर्थिक रूप से सक्षम और बच्चे स्वस्थ एवं शिक्षित होंगे तभी राज्य की विकास यात्रा को नई दिशा और गति मिल सकेगी।
इस प्रकार राज्य सरकार की प्राथमिकताएँ साफ़ तौर पर यह दर्शाती हैं कि महिला सशक्तिकरण और बाल विकास केवल सामाजिक दायित्व नहीं बल्कि भविष्य निर्माण की नींव है।