joharcg.com लखनऊ। अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन हो गया। लखनऊ एसजीपीजीआई में बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे और एसजीपीजीआई में उनका इलाज चल रहा था।
2 फरवरी को स्ट्रोक के चलते सत्येंद्र दास को अयोध्या के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें पहले ट्रामा सेंटर और फिर लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर किया गया था। अस्पताल प्रशासन द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त थे।
4 फरवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंचकर उनका कुशलक्षेम जाना था। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से इलाज की प्रगति पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
इससे पहले, अयोध्या सिटी के न्यूरो सेंटर के डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया था कि आचार्य सत्येंद्र दास की स्थिति थोड़ी नाजुक है। सीटी स्कैन में पता चला कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है और यह कई सेगमेंट्स में है। हमने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया है ताकि वहां पर उन्हें और बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
आचार्य सत्येंद्र दास को राम मंदिर निर्माण के आरंभ से ही मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया था और वह श्री राम जन्मभूमि के पूजा कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 12 फरवरी 2025 को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे और कुछ दिनों पहले 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती हुए थे। उनके निधन से अयोध्या सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
आचार्य सत्येंद्र दास ने 1993 में श्रीरामलला के दर्शन के साथ पूजा अर्चना की शुरुआत की थी। वे राम मंदिर आंदोलन के अहम नेता रहे और इस आंदोलन के दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन का बहुत हिस्सा समर्पित किया। उनके योगदान को लेकर लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सत्येंद्र दास जी का निधन देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें “परम रामभक्त” बताते हुए कहा कि उनका निधन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
आचार्य सत्येंद्र दास का योगदान सिर्फ पूजा अर्चना तक सीमित नहीं था। वे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्ष के दौरान प्रमुख व्यक्ति थे और उन्होंने अपनी धार्मिक जिम्मेदारी को अत्यंत समर्पण के साथ निभाया।
उनके निधन के बाद, अयोध्या में श्रद्धांजलि देने के लिए मंदिरों में विशेष पूजा और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उनके परिवार, भक्तों और देशवासियों ने उन्हें याद करते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी।
आचार्य सत्येंद्र दास का जीवन भारतीय संस्कृति और राम मंदिर के प्रति उनके अडिग विश्वास का प्रतीक रहेगा, और उनका योगदान हमेशा स्मरण किया जाएगा।