joharcg.com रायपुर। नगरपालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 हेतु मतदान केन्द्र पर मतदाता की पहचान स्थापित करने के लिए 18 प्रकार के दस्तावेजों को मान्य किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों में क्रमशः भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र, बैंक / डाकघर फोटोयुक्त पासबुक, पासपोर्ट, आयकर पहचान-पत्र (PAN CARD), आधार कार्ड, राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्थानीय निकाय अथवा
अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट) कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, स्वतंत्रता सेनानी फोटोयुक्त पहचान-पत्र, केन्द्रीय अथवा छ.ग. राज्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा जारी दसवीं एवं बारहवीं की फोटोयुक्त अंकसूची, बार कौशिल द्वारा अधिवक्ताओं को जारी फोटोयुक्त परिचय-पत्र, फोटोयुक्त निःशक्तता प्रमाण-पत्र, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी वैध फोटोयुक्त राशन कार्ड,
महाविद्यालय अथवा विद्यालय द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान-पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लायसेंस एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है। मतदाता उपरोक्त में से कोई भी एक फोटोयुक्त पहचान-पत्र मतदान केन्द्र पर लेकर जायेगा और पीठासीन अधिकारी द्वारा पहचान स्थापित की जायेगी।
निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है। यह पर्ची आयोग की वेबसाईट पर दिये गये लिंक से मतदाता के द्वारा डाउनलोड की जा सकती है, इसके लिए cgsec.gov.in वेबसाईट में जाकर VOTER SEARCH & PRINT – URBAN एवं से VOTER SEARCH & PRINT – RURAL नामवार Search करके अपना मतदान केन्द्र का विवरण देख व print कर सकते हैं।
2025 के निगम और पंचायत चुनावों में मतदान के लिए मतदाता पहचान की प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि इस बार मतदाता अपनी पहचान साबित करने के लिए कुल 18 प्रकार के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कदम चुनाव प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि कोई भी मतदाता बिना किसी समस्या के वोट डाल सके।
इन 18 दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बैंक खाता विवरण, और अन्य सरकारी दस्तावेज शामिल हैं। इसके अलावा, शिक्षा से संबंधित प्रमाण पत्र और अन्य पहचान पत्र भी वैध माने जाएंगे। इस सूची में किसी भी प्रकार के सरकारी या गैर-सरकारी पहचान प्रमाण को माना गया है, ताकि मतदाता अपनी पहचान आसानी से साबित कर सकें।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि इन दस्तावेजों का उपयोग चुनाव केंद्रों पर मतदान के दौरान किया जाएगा। मतदाता को मतदान से पहले अपने पहचान प्रमाण के साथ उपस्थित होना होगा, ताकि किसी भी प्रकार की गलती या धोखाधड़ी से बचा जा सके। इसके अलावा, मतदान प्रक्रिया के दौरान चुनाव अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों की जांच की जाएगी, और उसके बाद ही मतदान की अनुमति दी जाएगी।
इस कदम से निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होगी, और चुनाव में मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। निर्वाचन अधिकारियों ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने सभी दस्तावेजों को सही-सलामत रखें, ताकि चुनाव के दिन उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न हो।