joharcg.com बिलासपुर जिले में महुआ शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई। जबकि, 20 से अधिक लोग बीमार हैं और 4 लोगों की हालत गंभीर है। इन सभी का इलाज सिम्स में जारी है। वहीं आशंका जताई जा रही है कि, गांव में चुनाव के दौरान जहरीली शराब बांटी गई, जिसे पीने से 7 लोगों की जान चली गई। यह पूरा मामला कोनी थाना क्षेत्र के लोफन्दी का है।
मिली जानकारी के अनुसार, बिलासपुर के लोफन्दी में बुधवार को पहले एक की मौत हुई फिर दो लोगों की जान गई। बिमारी समझकर इन सभी का अंतिम संस्कार करवाया गया। इसके बाद शुक्रवार की रात एक साथ चार लोगों की मौत हो गई। इसी दौरान कई दिनों से महुआ शराब पीने की बात सामने आई। मरने वाले सभी एक ही गांव के थे।
सरपंच के भाई की भी हुई मौत
बताया जा रहा है कि, जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वालों में सरपंच रामाधार सुनहले का भाई रामू सुनहले भी शामिल है। स्थानीय निवासी जैजै राम पटेल ने बताया कि, अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 से ज्यादा लोग बीमार हैं। पुलिस मौके पर मौजूद है और मामले की जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। यह घटना बिलासपुर शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक गाँव में हुई, जहां कुछ लोगों ने अवैध शराब का सेवन किया था। शराब पीने के बाद सभी को तेज़ उल्टी, चक्कर आना और पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि अस्पताल में इलाज़ जारी है और कई मरीजों की हालत नाजुक बताई जा रही है। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए, अवैध शराब के स्रोत का पता लगाने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने शराब के विक्रेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
हास्य की बात यह है कि यह घटना अवैध शराब के कारोबार की जड़ें दिखाती है, जिसे अब तक गंभीरता से नहीं लिया गया था। पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर शराब के सैंपल लिए हैं और उनकी जांच की जा रही है। इस घटनाक्रम ने राज्य में अवैध शराब के कारोबार को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि शराब में हानिकारक रसायन का मिलाया जाना इसकी प्रमुख वजह हो सकती है। गंभीर स्थिति में कई मरीजों को सीनियर डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है, जबकि कुछ का इलाज बेहतर सुविधाओं वाले अस्पतालों में भी जारी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना पर दुख जताया है और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर जांच के आदेश दिए हैं और अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, प्रदेश में अवैध शराब के व्यापार पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने नए दिशा-निर्देशों को लागू करने की योजना बनाई है।
यह घटना राज्य में अवैध शराब के कारोबार के बढ़ते खतरे को उजागर करती है और इसे रोकने के लिए कड़ी कदम उठाने की जरूरत को रेखांकित करती है।