joharcg.com उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला के दौरान रविवार को मची भगदड़ ने कई परिवारों को बुरी तरह प्रभावित किया है। एक श्रद्धालु ने अपनी दर्दनाक कहानी साझा करते हुए बताया कि वह भगदड़ के दौरान अपनी पत्नी के साथ भीड़ में फंस गया था। उन्होंने कहा, “भीड़ के नीचे मैं आधे घंटे दबा रहा, और मेरी पत्नी की मौत हो गई।”
यह हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित हो रहे थे, और अचानक भगदड़ मचने से स्थिति बेकाबू हो गई। उस श्रद्धालु ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ इस पवित्र स्नान में भाग लेने आया था, लेकिन अचानक भीड़ ने उन्हें घेर लिया और वह दोनों जमीन पर गिर पड़े। उन्होंने लगभग आधे घंटे तक अपने शरीर को बचाए रखने की कोशिश की, लेकिन इतने समय में उनकी पत्नी को गंभीर चोटें आ गईं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद कई और श्रद्धालुओं ने भी अपनी आपबीती साझा की, जिनमें कई लोग घायल हो गए थे। राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं और घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं, प्रशासन ने इस घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है और मेला प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने का अनुरोध किया है।
महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं। इस साल भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए थे, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने मेला प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ में मंगलवार की रात भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि भगदड़ मच गई. संगम नोज पर भीड़ के चलते मची भगदड़ में अभी तक लगभग 10 लोगों की मौत और सात लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है. घायलों को कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 2 में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
‘मेरी मां दबकर मर गई….’
इस बीच घटना के समय वहां मौजूद रहे कुछ पीड़ितों ने आजतक से बातचीत की. बिहार के औरंगाबाद से सूरज यादव ने बताया हम 12-13 लोग गंगा स्नान करने आए थे. ऐसी भगदड़ मची कि मेरी मां दबकर मर गई.
‘पत्नी की मौत हो गई, मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा…’
घटना में अपनी पत्नी को खो चुके फूलचंद विश्कर्मा ने बताया कि रात को हम गंगा में नहाकर निकले तो देखा उधर से गेट खुल गया है. दोनों ओर से पब्लिक थी. लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे. मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा.
‘आदमी पर आदमी गिरते गए, कोई उठा नहीं पाया’
औरंगाबाद से ही आए विनय कुमार नाम के एक शख्स ने बताया कि कुछ लोग घाट की तरफ जा रहे थे. इतने में आगे बढ़े कुछ लोग पीछे की ओर लौटने लगे. इधर से जा रहे लोगों ने धक्का दिया तो कोई बाहर ही नहीं निकल पाया और उस जगह कोई पुलिस नहीं थी. इस दौरान भीड़ में लोग गिरे और फिर आदमी पर आदमी गिरते गए. कोई उठा नहीं पाया और दबकर लोगों की मौत हो गई.
महाकुंभ में कैसे हुआ हादसा?
मौनी अमावस्या पर स्नान के चलते मंगलवार की रात 2 बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया और भगदड़ मच गई. कुछ ही मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. कई श्रद्धालुओं का सामान गिर गया, जिससे अव्यवस्था फैल गई. लोग एक दूसरे को रौंदते गए.
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम आराम से जा रहे थे, तभी अचानक भीड़ आ गई, धक्का मुक्की हुई. हमने बचने की कोशिश की, लेकिन कहीं जगह नहीं थी. सब इधर-उधर हो गए. कई लोग घायल हो गए हैं. स्थिति ऐसी है कि मालूम नहीं क्या हो रहा है.’
प्रयागराज में मेडिकल कालेज के मोर्चरी के बाहर गेट पर रोते बिलखते परिजन-
देर रात ही भगदड़ की सूचना मिलते ही पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं. क्षेत्र में पहले से ही फायर सर्विस का ऑल-टेरेन व्हीकल मौजूद था, जिसकी मदद से कई घायलों को निकाला गया.
अब तक 19.94 करोड़ लोग लगा चुके गंगा में डुबकी
बता दें कि सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब 19.94 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या पर ही 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी. इस बीच इस हादसे ने हालातों को कुछ बदल दिया है.
मौनी अमावस्या पर स्नान करने के जुनून की वजह से महाकुंभ नगर एक बार फिर विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया है. प्रयागराज की आबादी 5 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है. मंगलवार शाम छह बजे तक 4.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर एक नया रिकॉर्ड बना डाला. इसमें अगर जिले की आबादी करीब 70 लाख जोड़ ली जाए, तो प्रयागराज में एक दिन की संख्या 5.34 करोड़ रिकॉर्ड की गई. (credit : aajtak.in)Dayaldas Baghel Archives – JoharCG