joharcg.com रायपुर: छत्तीसगढ़ के कलेक्टोरेट कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू कर दिया गया है। इस सिस्टम के तहत अब कर्मचारियों की उपस्थिति उनके अंगूठे के निशान से दर्ज की जा रही है, जिससे टाइमिंग और उपस्थिति की सही जानकारी मिल सकेगी। यह कदम प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

कलेक्टर कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से न केवल कर्मचारियों की उपस्थिति को सही तरीके से दर्ज किया जाएगा, बल्कि इससे अनुपस्थित कर्मचारियों पर भी सख्त निगरानी रखी जा सकेगी। यह व्यवस्था सरकारी दफ्तरों में अनुशासन को बनाए रखने और कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने में मददगार साबित होगी।

इसके अलावा, कलेक्टोरेट में इस सिस्टम की शुरुआत से कर्मचारियों को समय पर कार्य स्थल पर उपस्थित रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से कर्मचारियों के कार्य समय को भी बेहतर तरीके से ट्रैक किया जा सकता है, जिससे प्रशासन की कार्यक्षमता और समय प्रबंधन में सुधार होगा।

इस कदम को लेकर कर्मचारियों ने भी अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से समय की बचत होगी और कर्मचारियों को भी कार्य के प्रति जिम्मेदारी का एहसास होगा।

रायपुर, 28 जनवरी 2025।  अब राजधानी कलेक्टोरेट में नई तस्वीर सामने आ रही हैं। यहां कार्यरत सभी अधिकारी-कर्मचारी सुबह 10 बजे पहंुच कर बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से अपनी आने की उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं, वहीं शाम 5ः30 बजे के बाद अपनी कार्यालय छोड़ने की जानकारी दे रहें है। जिनके पास एंड्रॉइड और आईओएस मोबाईल है, वे इसके एप को डाउनलोड किए हुए है

और मोबाईल के सामने सेल्फी कैमरे से फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से तस्वीर लेकर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करा रहे हैं। यह सिस्टम प्रथम श्रेणी अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अपना रहे हैं। साथ ही की-पैड मोबाईल वाले कर्मचारियों के लिए थंब बायोमेट्रिक डिवाइस की व्यवस्था अधीक्षक कार्यालय में की गई है। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के निर्देश पर यह प्रणाली 22 जनवरी से प्रभावी है।  

इस बायोमैट्रिक प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कार्यकुशलता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इससे कर्मचारियों की उपस्थिति का सही आंकलन हो सकेगा और कार्यों की समयबद्धता तथा गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह प्रणाली पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी। साथ ही यह प्रणाली डिजिटल भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी होगा।

। अधिकारी कर्मचारी सुबह 10 बजे अपने टेबल पर उपस्थित हो रहे हैं और प्रतिदिन आम जनता को उपलब्ध होकर उनके कार्याें और समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास कर रहें हैं। इस प्रणाली को कलेक्टोरेट में सुचारू रूप से लागू होने के बाद अन्य कार्यालयों में क्रमिक रूप से लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि एंड्रॉइड और आईओएस वाले मोबाईल अधिकारी एवं कर्मचारी मोबाईल एप इस्टांल कर हाजिरी दर्ज कर रहे है और की-पैड मोबाइल धारक बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दे रहे हैं।

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