जनजातीय क्षेत्रों

joharcg.com राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में विकास योजनाओं का समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र विकास के मामले में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि ये क्षेत्र पिछड़े हुए हैं और यहां के निवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अधिक संसाधनों और योजनाओं की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विकास योजनाओं को जमीन पर उतारने में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाओं का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, सड़क निर्माण और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार इन क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इन क्षेत्रों के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

डॉ. यादव ने अधिकारियों से कहा कि वे जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशील रहें और योजनाओं का कार्यान्वयन इस प्रकार करें कि इन समुदायों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। इसके लिए हर योजना का सही तरीके से और समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कई नई योजनाओं को अमल में लाने की योजना बनाई है। इन योजनाओं में रोजगार सृजन, स्वरोजगार के अवसरों का विस्तार, और कृषि आधारित विकास योजनाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी योजना का लाभ सीधे उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखी जाए।

डॉ. यादव के निर्देशों के बाद जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर एक नई उम्मीद जगी है, जो इन क्षेत्रों के निवासियों के जीवन में सुधार ला सकती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को स्थित समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं और गतिविधियों की गहन समीक्षा की। बैठक में प्रदेश के सभी जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए चल रही सभी योजनाओं, विकास कार्यक्रमों और इनकी अब तक की प्रगति पर विस्तार से समीक्षा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाये। सभी निर्माणाधीन विकास कार्य तेजी से पूर्ण कराये जायें। योजनाओं का क्रियान्वयन नियोजित एवं समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, रोजगार सृजन और अधोसंरचना विकास कार्यों में तेजी लाकर जनजातीय समुदायों को समर्थ बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी समग्र एवं उन्नत शिक्षा दी जाए, जिनसे जनजातीय विद्यार्थियों का जीवन आलोकित हो और वे समर्थ बनें। इसके लिए देश के अन्य राज्यों में जनजातीय वर्ग के लिए शिक्षा व्यवस्था का भी अध्ययन कर लें। उनकी अच्छाईयों को आत्मसात करें और एक बेहतर व रोजगापरक शिक्षा की ओर आगे बढ़ें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातियों की आर्थिक स्थिति में आमूल-चूल सुधार लाने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में गौ-शालाओं के निर्माण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय बंधुओं को अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं के पालन-पोषण की ओर प्रवृत्त किया जाए। दूध उत्पादन एवं डेयरी उत्पादों से ही जनजातियों की आर्थिक स्थिति बदलेगी, उनका जीवन स्तर सुधरेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा एक्ट के जरिए जनजातियों को समर्थ किया गया है। इससे उनको अपने विकास की ओर बढ़ने में मदद मिली हैं। जनजातीय गांवों में सुधार दिखाई देता है, यह प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने जनजातियों के वाद्य यंत्रों का संरक्षण करने और उनकी पुरातन धरोहर को संभाल कर रखने के लिए शासन स्तर से विशेष प्रोत्साहन दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। होम स्टे के जरिए जनजातीय लोगों को आय का अतिरिक्त साधन मुहैया होता है। इसलिए इस दिशा में समग्र प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में उनकी सामाजिक संरचना को नेतृत्व देने वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया जाए और इनके साथ मिलकर जनजागरण का काम किया जाए। जनजातीय वर्ग के युवाओं को नशाखोरी से बचाने सहित उनके सामाजिक व पारिवारिक संरक्षण की दिशा में गायत्री परिवार जैसे सामाजिक संगठन को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बने सभी छात्रावास व आश्रम शालाओं में निवासरत बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। छात्रावासों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहें। सभी विभागीय पदों (बैकलॉग सहित) पर शीघ्र भर्ती कर ली जाए। उन्होंने जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों के संचालन के लिए छात्रावास अधीक्षकों का नया कैडर बन जाने पर प्रसन्नता व्यक्त कर कहा कि इन पदों पर एक तय संख्या में नियमित रूप से भर्ती की जाए। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदायों के विकास के लिए नवोन्मेषी और समावेशी प्रयास किए जाने की जरूरत पर जोर दिया।

जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में कई नवाचारी प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. शाह ने कहा कि विभाग द्वारा छात्रावास अधीक्षकों के करीब 4 हजार 800 पदों पर सिलसिलेवार भर्ती की जाएगी।

उन्होंने राज्य शासन स्तर से जनजातीय क्षेत्रों में संचालित छात्रावासों/आश्रम शालाओं के संचालन के निरीक्षण के लिए सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण उपरांत मिली कमियों की ओर मुख्यमंत्री की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि छात्रावासों के बेहतर संचालन के लिए छात्रावास अधीक्षकों का छात्रावास परिसर में ही निवास जरूरी है और हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि जनजातीय विद्यार्थियों के लिए संचालित सभी विभागीय शालाओं छात्रावासों, आश्रम शालाओं एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों को दी जाने वाली पुस्तकें, गणवेश, सायकिल, बेडिंग या अन्य जरूरतों की वस्तुएं अप्रैल से जून-जुलाई के मध्य वितरित कर दी जाए। सुनिश्चित करें कि शासकीय स्तर पर वितरित की जाने वाली ये सभी सामग्री विद्यार्थियों को समय पर ही मिल जाएं।

प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य श्री गुलशन बामरा ने बताया कि जनजातीय वर्ग के हितग्राहियों तक विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ एवं नागरिक सुविधाएं पहुंचाने के लिए तकनीकी माध्यमों का भी उपयोग किया जा रहा है। पीएम जनमन में मध्यप्रदेश में किये गये कार्य की सराहना केन्द्र सरकार ने भी की है। पीएम जनमन की सफलता के मद्देनजर ही केन्द्र सरकार ने “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” प्रारंभ किया है।

इस अभियान में 17 विभागों की 25 प्रकार की विभिन्न योजनाओं/सेवाओं/सुविधाओं का लाभ प्रदेश के जनजातीय बहुल गाँवों में जनजातीय बंधुओं को मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को विभिन्न श्रेणी के विकास कार्य प्रस्ताव भेजे गए हैं। उन्होंने विभागीय योजनाओं और उनकी प्रभावशीलता पर पीपीटी के जरिए विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, आयुक्त जनजातीय कार्य श्री श्रीमन शुक्ल, उप सचिव जनजातीय कार्य श्रीमती वंदना वैद्य, अपर आयुक्त श्रीमती रीता सिंह, अपर आयुक्त श्रीमती सीमा सोनी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।