मध्यप्रदेश में प्लास्टिक

joharcg.com मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, डॉ. योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में मध्यप्रदेश में प्लास्टिक उद्योग के विकास की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में प्लास्टिक उद्योग के विस्तार से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने यह बयान मध्यप्रदेश में प्लास्टिक उद्योग से संबंधित एक सम्मेलन में दिया, जिसमें राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के पास कच्चे माल, कच्ची सामग्री और औद्योगिक अवसंरचना की उपलब्धता के कारण प्लास्टिक उद्योग के लिए एक उपयुक्त माहौल है। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों और निवेशकों को राज्य में प्लास्टिक उद्योग में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि प्रदेश सरकार उद्योग के विकास के लिए हर संभव समर्थन देने को तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मध्यप्रदेश में प्लास्टिक उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। हम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, जैसे कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, व्यापार करने में आसान प्रक्रियाएं और निवेशकों को हर तरह की मदद।” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, जिनसे प्लास्टिक उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य में नए रोजगार अवसर पैदा होंगे।

इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर प्लास्टिक के रिसायकलिंग और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भी योजनाएं बना रही है। इससे उद्योग के विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा।

राज्य सरकार का यह कदम मध्यप्रदेश को प्लास्टिक उद्योग के क्षेत्र में एक प्रमुख हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगा, बल्कि रोजगार सृजन के लिए भी एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में प्लास्टिक उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह उद्योग का नया क्षेत्र है और इसका बड़ा बाजार है। इस उद्योग में रोजगार की भी बेहतर और बड़े अवसर हैं। प्लास्टिक उद्योग के विकास के लिए इसके दुष्प्रभाव को दूर कर सावधानी रखते हुए आगे बढ़ेंगे। प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए रियूज और वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। रियूज और वेस्ट मैनेजमेंट की तकनीक को विक‍सित करने के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को इंदौर में प्रारंभ हुए प्लास्टिक उद्योग सम्मेलन प्लास्टपैक 2025 को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन 12 जनवरी तक उद्योग मेले के रूप में चलेगा। इसमें प्लास्टिक उद्योग से जुड़ी 400 से अधिक कंपनियां और 2 हजार से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के सहयोग से हो रहा है। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री रमेश मेंदोला तथा श्री मधु वर्मा, महापौर परिषद के सदस्य श्री अभिषेक शर्मा तथा इंडियन प्लास्टपेक फोरम के चेयरमेन श्री सचिन बंसल आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग के विकास की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। इस उद्योग के विकास में पूरी मदद दी जाएगी। बदलते दौर में प्लास्टिक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह जीवन उपयोगी भी है। प्लास्टिक ने अपनी उपयोगिता कोविड काल में साबित की है। यह जीवन रक्षक के रूप में सामने आया है। कोविड के दौरान पीपीई कीट हो या मॉस्क आदि में प्लास्टिक का उपयोग हुआ है। जीवन में इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी हैं। इन दुष्प्रभावों को दूर करने के प्रयास होंगे। पर्यावरण की चिंता भी रखी जायेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति और नई दिशा दी जा रही है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए रिजनल स्तर पर इन्वेस्टर समिट आयोजित किये जा रहे हैं। इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहें हैं। प्रदेश में अब तक 6 रिजनल इन्वेस्टर समिट आयोजित हो चुकी है।

इनके माध्‍यम से चार लाख करोड़ रूपये का निवेश प्रदेश में आया है। इससे लगभग तीन लाख लोगों को रोजगा मिलेगा। उक्त निवेश से प्रदेश में 200 करोड़ रूपये का राजस्व भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में गुजरात मॉडल पर तेजी से विकास किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने सम्मेलन में लगाये गये स्टॉलों का अवलोकन भी किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के चेयरमेन श्री सचिन बंसल ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के साझा प्रयासों से आयोजित इस विशाल सम्मेलन में 400 से अधिक कंपनियां अपनी नवीनतम तकनीक, उत्पाद और नवाचारों का प्रदर्शन कर रही हैं।

इस आयोजन में 2 हजार से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे है। एक्जीबिशन सेंटर को छह अलग अलग डोम में विभाजित किया गया है, जहां लाइव मशीनों और उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह सम्मेलन व्यापारियों और उद्यमियों के लिए तो एक मंच है ही, साथ ही छात्रों, शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों के लिए भी एक ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान करेगा।